India News (इंडिया न्यूज़), No Confidence Motion, दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को इंडिया गठबंधन के विपक्षी दलों की ओर से सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की तरफ से यह प्रस्ताव दिया गया था। गोगोई द्वारा प्रस्ताव पेश करने के बाद अध्यक्ष ने प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सदस्यों की संख्या के बारे में पूछा। अध्यक्ष ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और कहा कि बहस का समय बाद में तय किया जाएगा।

  • गौरव गोगोई ने दिया प्रस्ताव
  • 2 बजे तक लोकसभा स्थगित
  • विपक्ष दलों ने लिया है फैसला

इस बीच लोकसभा में विपक्ष मणिपुर पर पीएम के बयान की मांग करते हुए हंगामा करता है। इसके बाद लोकसभा की कार्रवाई दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर ली गई। 20 जुलाई को संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार स्थगित हुई है।

BRS ने भी दिया नोटिस

गौरव गोगोई असम में कलियाबोर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और पूर्वोत्तर क्षेत्र से सांसद हैं। भारत राष्ट्र समिति ने भी सरकार ने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया था। पार्टी के लोकसभा में नौ सदस्य हैं। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सरकार हर स्थिति के लिए तैयार है।

जवाब मांगने का तरीका

अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला मंगलवार को हुई विपक्षी गठबंधन पार्टियों की बैठक में लिया गया। विपक्षी सांसदों ने कहा कि वे जानते हैं कि लोकसभा में संख्या बल सरकार के पक्ष में है लेकिन अविश्वास प्रस्ताव मणिपुर में हिंसा सहित विभिन्न मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगने का एक तरीका है।

प्रयोग करना चाहिए

आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि कुछ संसदीय प्रक्रियाओं का उपयोग लंबी अवधि की चर्चा करने और सरकार को जवाब देने के लिए मजबूर करने के लिए किया जाता है।मुझे लगता है कि ये संसदीय उपकरण वास्तव में भारत के लोकतंत्र को मजबूत करते हैं और सरकार पर लोकसभा के सामने आने और सवालों के जवाब देने के लिए दबाव बनाने के लिए इसका बार-बार प्रयोग किया जाना चाहिए।

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