India News (इंडिया न्यूज), Siddaramaiah Love Story: एक बड़ी मशहूर कहावत है कि, जीवन में मनुष्य को एक बार किसी न किसी से प्रेम जरूर होता है। इसी तरह एक बार की बात है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया एक ऐसी प्रेम कहानी में फंस गए थे, जो किसी भी बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर को टक्कर दे सकती थी। सिद्धारमैया का दिल कॉलेज के दिनों में राजनीति के अलावा किसी और के लिए भी धड़कता था। मैसूर में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर अंतर-जातीय विवाह का जश्न मनाने वाले एक कार्यक्रम के दौरान सिद्धारमैया ने अपने एक समय के प्यार, लालसा और रास्ते में आने वाली जाति संबंधी जटिलताओं के बारे में एक अनजान भीड़ के सामने खुल कर बात की।
सिद्धारमैया की अधूरी प्रेम कहानी
सिद्धारमैया ने आंखों में चमक और पुरानी यादों के संकेत के साथ अपनी कहानी शुरू की। उन्होंने कहा कि जब मैं छात्र था, मुझे एक लड़की से प्यार हो गया। उन्होंने आगे कहा कि मुझे गलत मत समझो, मैं सिर्फ नाराज नहीं था, मैं उससे शादी करना चाहता था। इसके बाद दर्शकों की उत्सुकता बढ़ गई। मुख्यमंत्री ने आगे कहा की लेकिन जब मैंने उसका हाथ मांगा, तो उसके परिवार ने इसे अस्वीकार कर दिया क्योंकि मैं दूसरी जाति का हूं। लड़की भी सहमत नहीं हुई। सिद्धारमैया ने कहा कि इसलिए मेरे पास अपनी जाति में शादी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, जैसा कि अपेक्षित था। मैंने अपने समुदाय में शादी की।
प्रेम कहानी में जाति बनी रोड़ा
सिद्धारमैया ने इस निजी किस्से को साझा करने के बाद अंतरजातीय विवाहों के लिए अपना समर्थन देने का वादा किया। उन्होंने वादा किया कि उनकी सरकार उन लोगों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगी जो अपनी जाति के बाहर शादी करना चुनते हैं। सिद्धारमैया ने कहा कि जातिवाद को खत्म करने के केवल दो तरीके हैं। एक अंतरजातीय विवाह और दूसरा सभी समुदायों के बीच सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण। सामाजिक-आर्थिक उत्थान के बिना किसी समाज में सामाजिक समानता नहीं हो सकती।