India News (इंडिया न्यूज), Bengal Assembly Election : बंगाल में अगले साल चुनाव होने वाले हैं, इसके लिए बीजेपी ने कमर कस ली है. इस बार बंगाल में कमल खिलाने के लिए पार्टी ने नई रणनीति बनाई है. दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बंगाल में जीत के लिए तरस रही है. इस जीत को हासिल करने के लिए पार्टी ने राज्य में एक और राम मंदिर आंदोलन का ऐलान कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश, फिर उत्तर प्रदेश, फिर दिल्ली जीतने के बाद अब उनकी नज़र ममता बनर्जी के गढ़ पर है। इसके लिए पार्टी ने राम मंदिर का सहारा लिया है. लेकिन इस बार अयोध्या का राम मंदिर नहीं, बल्कि बीजेपी बंगाल में भी राम मंदिर बनाने जा रही है।
नंदीग्राम में रखी गई भव्य राम मंदिर की आधारशिला
दरअसल शुवेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम में भव्य राम मंदिर की आधारशिला रखी है। उन्होंने रामनवमी पर इसकी पूजा भी की है और दावा किया है कि नंदीग्राम का राम मंदिर पूरे बंगाल का सबसे बड़ा राम मंदिर होगा। रामनवमी के दौरान भाजपा द्वारा निकाले गए जुलूस में भारी भीड़ उमड़ी थी, अब पार्टी इस भीड़ को अपना वोटर बनाना चाहती है, जैसा अयोध्या में हुआ था। लेकिन इस रणनीति की सफलता पर संदेह है, क्योंकि मंदिर आंदोलन के नाम पर जीतने वाली भाजपा मंदिर निर्माण के बाद भी यूपी में 240 सीटों पर सिमट गई और बड़ा सवाल यह है कि पार्टी अयोध्या की सीट कैसे हार गई, जहां राम मंदिर है।
शुवेंदु अधिकारी करेंग बड़ा खेल!
इस समय बंगाल में भाजपा का अगर कोई चेहरा है तो वह शुवेंदु अधिकारी हैं। कभी ममता के खास सिपहसालार रहे शुवेंदु ने 2021 में नंदीग्राम में ममता बनर्जी को विधानसभा चुनाव में हराकर खुद को बंगाल भाजपा के सबसे बड़े नेता के तौर पर दर्ज करा लिया है।
फिलहाल यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि राम मंदिर बंगाल में भाजपा को जीत दिला पाएगा या नहीं। इसके अलावा अभी यह भी साफ नहीं है कि बंगाल में इस मंदिर को भाजपा आलाकमान की मंजूरी है या नहीं।