India News (इंडिया न्यूज), Lucknow Court Convicts Raja Kolandar: लखनऊ में एक खतरनाक अपराधी को हत्या का दोषी पाया गया है। अपराधी का नाम राजा कोलंदर है। सीरियल किलर, नरभक्षी और खोपड़ी इकट्ठा करने वाले राजा कोलंदर को साल 2000 में हुए दोहरे हत्याकांड में सोमवार को लखनऊ की एक अदालत ने दोषी करार दिया। जज रोहित सिंह शुक्रवार को उसकी सजा का ऐलान करेंगे।
बताया जा रहा है कि राजा कोलंदर उर्फ राम निरंजन और उसके साले बच्छराज कोल को 22 वर्षीय मनोज कुमार सिंह और उसके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव का अपहरण कर हत्या करने का दोषी पाया गया है। राजा कोलंदर और उसके साले बच्छराज को इससे पहले पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या का दोषी पाया गया था। इस मामले में राजा के फार्महाउस से 14 मानव खोपड़ियां बरामद की गई थीं। इस मामले में दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
मानव मस्तिष्क से बना सूप पीता था
इसके बाद यह बात सामने आई कि राजा कोलंदर नरभक्षी था और खोपड़ियाँ इकट्ठा करता था। राजा कोलंदर पर सिर काटकर मानव मस्तिष्क से बना सूप बनाकर पीने का आरोप है। आपको बता दें कि राजा कोलंदर और उसके साले के खिलाफ 25 साल पहले वर्ष 2000 में दोहरे हत्याकांड का मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में मनोज कुमार सिंह के पिता शिव हर्ष सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी।
25 साल बाद मिलेगी सजा
पुलिस ने 21 मार्च 2001 को चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी, लेकिन कानूनी पेचीदगियों के चलते मामले की सुनवाई शुरू नहीं हो सकी। इस मामले की सुनवाई वर्ष 2013 में शुरू हुई। जानकारी के मुताबिक, मनोज कुमार सिंह और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव 24 जनवरी 2000 को लखनऊ से रीवा के लिए निकले थे। उन्होंने चारबाग रेलवे स्टेशन के पास से छह यात्रियों को उठाया। इनमें एक महिला भी थी।
शंकरगढ़ में मिला था शव
उनकी आखिरी लोकेशन रायबरेली के हरचंदपुर में एक चाय की दुकान पर मिली थी। वहीं से वे लापता हो गए थे। तीन दिन तक जब उनका पता नहीं चला तो नाका थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। तलाश के बाद भी दोनों का पता नहीं चल सका। बाद में प्रयागराज के शंकरगढ़ के जंगलों में दोनों के क्षत-विक्षत शव मिले। सरकारी वकील ने बताया कि मामले में 12 गवाहों की गवाही हुई। इसमें सबसे अहम गवाह शिव हर्ष का भाई शिव शंकर था।
उसकी जानकारी से साफ हो गया कि यह अपराध पूर्व नियोजित था। इसमें अपहरण, डकैती और हत्या शामिल थी। शिव शंकर सिंह ने अपनी गवाही में बताया कि हरचंदपुर में उसकी मनोज और रवि से बात हुई थी। उसने आरोपी के घर से मनोज के भूरे रंग के कोट की भी पहचान की। बता दें कि राजा कोलंदर प्रयागराज के शंकरगढ़ का रहने वाला है। उसका असली नाम राम निरंजन कोल है। वह नैनी के केंद्रीय आयुध भंडार (सीओडी) छिवकी में कर्मचारी था।