India News(इंडिया न्यूज),Lok Sabha Election 2024: एक तरफ कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी दलों को एकजुट कर बीजेपी को मात देने की तैयारी कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी के अपने ही नेता उसका साथ छोड़ रहे हैं। महाराष्ट्र में मिलिंद देवड़ा, बाबा सिद्दीकी, अशोक चव्हाण के पार्टी से इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुरेश पचौरी पार्टी से अलग होकर बीजेपी में शामिल हो गए हैं।

जानकारी के मुताबिक, सुरेश पचौरी शनिवार 9 मार्च को बीजेपी में शामिल हुए। उन्होंने राजधानी भोपाल में पार्टी की सदस्यता ली। इस दौरान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनका स्वागत किया। बताया जा रहा है कि पचौरी के साथ कांग्रेस के कई बड़े नेता बीजेपी में शामिल हो गए हैं। इनमें अतुल शर्मा, कैलाश मिश्रा, पूर्व जिला अध्यक्ष कांग्रेस, संजय शुक्ला, विशाल पटेल समेत कई बड़े नेता शामिल हैं। ये सभी सुरेश पचौरी के समर्थक माने जाते हैं।

कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में गिने जाते थे सुरेश पचौरी

सुरेश पचौरी की गिनती कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में होती रही है। वह चार बार राज्यसभा सांसद और केंद्र में मंत्री के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्हें गांधी परिवार का काफी करीबी माना जाता है। सुरेश पचौरी ने अपना राजनीतिक सफर 1972 में कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में शुरू किया था। 1984 में वे प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष बने। वह पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की सरकार में भी मंत्री थे। इस दौरान उन्होंने कई विभागों का कार्यभार संभाला।

आज तक कोई चुनाव नहीं जीत पाए हैं सुरेश पचौरी

दिलचस्प बात ये है कि सुरेश पचौरी ने आज तक कोई चुनाव नहीं जीता है, फिर भी उनकी गिनती कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में केवल दो बार चुनाव लड़ा। उन्होंने 1999 में भोपाल से लोकसभा चुनाव लड़ा। जहां उनका मुकाबला बीजेपी की तेजतर्रार नेता उमा भारती से था। इस चुनाव में सुरेश पचौरी 1।6 लाख से ज्यादा वोटों से हार गये थे। उन्होंने 2013 का विधानसभा चुनाव भोजपुर से लड़ा था। यहां उनका मुकाबला सुरेंद्र पटवा से था। इस चुनाव में भी सुरेश पचौरी को हार का सामना करना पड़ा।

1984 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए

अपने राजनीतिक सफर के दौरान, सुरेश पचौरी 1984 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए और 1990, 1996 और 2002 में फिर से राज्यसभा में भेजे गए। वह रक्षा, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री भी रहे। संसदीय कार्य। पचौरी 2008 से 2011 तक मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर कांग्रेस के प्रदेश संगठन की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में सुरेश पचौरी को लोकसभा चुनाव का प्रभारी भी बनाया गया था। वह 2023 के चुनावों के लिए स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य भी रहे हैं।

आपको बता दें कि सुरेश पचैरी का पार्टी से अलग होना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। लोकसभा चुनाव करीब हैं और पार्टी अपनी खोई साख वापस पाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है। इसके उलट पार्टी के अपने ही नेता इसका साथ छोड़ रहे हैं। ऐसे में पार्टी नेतृत्व के लिए अपने नेताओं को एकजुट रखना बड़ी चुनौती है।

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