India News (इंडिया न्यूज़), Madhya Pradesh Rain: मध्य प्रदेश के कई जिलों में दूसरे सावन की बारिश आफत बन कर आई है। लगभग 36 घंटे से अधिक की झमाझम बारिश ने जनजीवन प्रभावित कर दिया है। इस बारिश से एक और जहां किसानों ने राहत की सांस ली है, तो वहीं आम आदमी के लिए आफत की बारिश है। जिले में दो दिनों में लगभग 100 मिमी से अधिक बारिश रिकार्ड की गई है और अभी बारिश का दौर लगातार जारी है।

नर्मदा नदी खतरे के उफान पर

जिला मुख्यालय का जिले के ग्रामीण क्षेत्रो सहित पड़ोसी जिले मंडला, उमरिया, बालाघाट, जबलपुर, शहडोल, अनूपपुर से सड़क मार्ग बाधित हो संपर्क टूट गया है। जिला मुख्यालय में नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने से हालात बिगड़ रहे है। नगर के दूसरे हिस्से साकेत नगर, हंस नगर और देवरा तथा मुडकी सहित दर्जनों गांवों को जोड़ने वाला नर्मदा नदी का पुल जलमग्न होने से दोनों और भारी भीड़ जमा हो गई है। बताया गया की वर्ष 2001 में निर्मित यह पुल पहली बार जलमग्न हुआ है और आवागमन बाधित हुआ है।

निचली बस्ती के लोगों सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट किया गया

नेशनल हाइवे 45 जबलपुर अमरकंटक मार्ग बंद हो गया है। अंग्रेजों के जमाने का लगभग 100 साल से अधिक पुराना जोगी टिकरिया पुल के ऊपर लगभग 6 फिट पानी होने से यहाँ नर्मदा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। जिससे प्रशासन द्वारा नगर की निचली बस्ती में रहने वालों को मकान खाली करा सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट किया जा रहा है।

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