India News (इंडिया न्यूज),  Maharana Pratap Jayanti 2024: महाराणा प्रताप को मेवाड़ का शेर कहा जाता है। इस वीर योद्धा का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में हुआ था। हर साल की तरह इस साल भी 9 मई को देशभर में महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जाएगी। यह दिन न सिर्फ राजस्थान के लिए बल्कि पूरे देश के लिए बेहद खास दिन होता है।

भारत के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध राजपूत योद्धाओं में से एक महाराणा प्रताप अपनी वीरता और साहस के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। 16वीं सदी में मुगल बादशाह अकबर के खिलाफ उनकी बहादुरी और अदम्य साहस की कहानियां आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं।

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क्या है महाराणा प्रताप का इतिहास?

बता दें कि, मेवाड़ के राणा उदय सिंह और महारानी जयवंता बाई के पुत्र महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को हुआ था। उनके दो बेटे अमर सिंह और भगवान दास थे। चेतक उनका सबसे पसंदीदा घोड़ा था, जिस पर सवार होकर वे युद्ध के मैदान में विजय पताका लहराते थे। बचपन से ही महाराणा प्रताप साहसी, युद्ध कला में निपुण और ईश्वर भक्त थे। वे विनम्रता के भी धनी थे। कई लोग उन्हें मानवता का पुजारी कहते थे। वर्ष 1572 में अपने पिता की मृत्यु के बाद राणा प्रताप ने मेवाड़ की गद्दी संभाली। इसके बाद साल 1576 में हल्दी घाटी का युद्ध हुआ, जिसमें महाराणा प्रताप को अफगान राजाओं का समर्थन मिला और अफगान हकीम खान सूर अपनी आखिरी सांस तक युद्ध के मैदान में डटे रहे। इस युद्ध में उनका प्रिय घोड़ा चेतक घायल हो गया। 18 जून, 1576 को चेतक 25 फीट गहरे नाले को कूदकर पार करते समय बुरी तरह घायल हो गया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। 29 जनवरी 1597 को 57 वर्ष की आयु में महाराणा प्रताप वीरगति को प्राप्त हो गए।

एक साल में दो बार क्यों मनाई जाती है जयंती

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, राणा प्रताप का जन्म ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हुआ था। इसलिए हर वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया को पूरे देश में महाराणा प्रताप जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार राणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को हुआ था। यही कारण है कि साल में दो बार महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जाती है।

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