India News (इंडिया न्यूज), TMC: तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने मंगलवार को कहा कि पिछले सप्ताह चुनाव आयोग से मिलने से पहले लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा अपने सहयोगी कल्याण बनर्जी से बहस के बाद रोती हुई नजर आईं। उन्होंने मांग की कि व्यवहार संबंधी मुद्दों पर बनर्जी को सदन में पार्टी के मुख्य सचेतक के पद से हटाया जाना चाहिए। उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कुछ कथित वीडियो और व्हाट्सएप चैट सामने आए हैं, जिसमें कीर्ति आजाद समेत तृणमूल सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक दिखाई दे रही है। इनमें आजाद बनर्जी को संयम बरतने की सलाह देते नजर आ रहे हैं।
टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने क्या कहा?
रॉय ने कोलकाता में पत्रकारों से बात करते हुए बनर्जी पर कई मौकों पर ‘असभ्य’ जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया और कहा कि वक्फ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक के दौरान श्रीरामपुर के सांसद (बनर्जी) ने एक बोतल तोड़कर समिति के अध्यक्ष पर फेंकी। भाजपा नेता अमित मालवीय ने कुछ वीडियो साझा किए हैं, जिनमें बनर्जी चुनाव आयोग कार्यालय में प्रवेश करते समय अपने सहयोगियों पर कथित तौर पर चिल्लाती नजर आ रही हैं, जबकि पार्टी के नेता उन्हें शांत करने की कोशिश कर रहे हैं। रॉय ने कहा कि विवाद हुआ था, लेकिन वह वहां मौजूद नहीं थे।
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कब का है मामला?
तृणमूल के एक सूत्र के अनुसार, यह विवाद 4 अप्रैल को हुआ था, जब तृणमूल नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने ‘डुप्लीकेट वोटर आईडी नंबर’ को लेकर चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात की थी और फिर संसद तक मार्च भी निकाला था। सूत्र ने बताया कि बनर्जी को एक ज्ञापन पर तृणमूल सांसदों के हस्ताक्षर लेने का काम सौंपा गया था और यह ज्ञापन पार्टी द्वारा चुनाव आयोग को सौंपा जाना था। सूत्र ने बताया कि मोइत्रा ने आरोप लगाया था कि उनसे हस्ताक्षर नहीं लिए गए। मोइत्रा ने चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर बनर्जी की आलोचना की थी।
दोनों सांसदों के बीच तकरार
दोनों सांसदों के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया। बनर्जी ने दावा किया कि मोइत्रा ने चुनाव आयोग कार्यालय में सुरक्षाकर्मियों से उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कहा था। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए रॉय ने कहा, “कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा के बीच जब यह विवाद हुआ, तब मैं वहां नहीं था। मैं विजय चौक पर था और यह विवाद चुनाव आयोग कार्यालय के सामने हुआ। मैंने महुआ को रोते हुए और कल्याण के व्यवहार के बारे में अन्य दलों के कई सांसदों से शिकायत करते हुए देखा।”