India News (इंडिया न्यूज),Murshidabad Violence:पश्चिम बंगाल में वक्फ एक्ट के खिलाफ खास तौर पर मुर्शिदाबाद में काफी हिंसा हुई, जिसमें हिंसक झड़पों में 3 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। साथ ही बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए। हालांकि मुर्शिदाबाद में जिस तरह की हिंसा भड़की, उस पर सवाल उठ रहे हैं और बड़ी साजिश की आशंका जताई जा रही है। दावा किया जा रहा है कि इस तरह के हमले की साजिश करीब 3 महीने पहले ही रची गई थी। हिंसा की आड़ में कई लड़कों को बांग्लादेश से भारत में तस्करी कर लाया गया था।
3 महीने पहले ही कर ली गई थी प्लानिंग
जिस तरह मुर्शिदाबाद हमले की प्लानिंग 3 महीने पहले ही कर ली गई थी, उसी तरह इस हमले के पीछे भी बड़ा मकसद तय किया गया था। खुफिया सूत्रों का कहना है कि भले ही हमले के पीछे मुख्य मकसद हिंदुओं पर हमला करना था, लेकिन शैडो प्लानिंग और भी खतरनाक है। मुर्शिदाबाद हमले के पीछे मुख्य मकसद हमले के दौरान या बाद में यहां ऐसी स्थिति पैदा करना था, जिसे अकेले पुलिस संभाल न सके।
तस्करी का प्रयास
मुर्शिदाबाद मालदा क्षेत्र में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कंटीले तारों की बाड़ नहीं होने वाले इलाकों से कुछ संभावित आतंकवादियों को भारत में तस्करी करके लाया गया, जो सामान्य परिस्थितियों में केंद्रीय सुरक्षा बलों या बीएसएफ की निगरानी से बचकर देश में प्रवेश नहीं कर पाते।
योजना के तहत भेजे गए कई बांग्लादेशी लड़कों में से कुछ लड़कों को भारत में रहने के लिए भेजा गया। 12 से 15 साल की उम्र के ये लड़के गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों में पढ़ते और समय के साथ भारत के खिलाफ साजिश भी रचते। इस तरह बांग्लादेश कुछ संभावित आतंकवादियों को भारत में तस्करी करके लाने की तैयारी कर रहा था।
इसलिए इस घुसपैठ को लेकर ऐसी परिस्थितियां बनानी पड़ीं कि पुलिस संभाल न सके और बीएसएफ को बुलाना पड़ा। नियमों के मुताबिक, अगर अंतरराष्ट्रीय सीमा के 50 किलोमीटर के भीतर कुछ होता है, तो बीएसएफ उस जगह आ सकती है। इसका उद्देश्य मामले को दूसरी दिशा में मोड़ना था।
एक तरफ पुलिस हिंसा को नियंत्रित करने में व्यस्त थी, इसी बीच महत्वपूर्ण 4 घंटों के दौरान कई अज्ञात लोग मौका पाकर सीमा पार कर देश में घुस आए और हिंसा की आड़ में कहीं गायब हो गए।
खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली है कि जिस तरह इस पार से लोगों को हमलों के लिए चुना जाता था, उसी तरह सीमा पार से भी ट्रेनिंग चल रही थी। इस बीच भड़की हिंसा के दौरान सीमा पार कर देश में घुसे कई युवक मुर्शिदाबाद के कुछ लोगों से मिल गए। ताकि ऐसा लगे कि युवकों की एक अनियंत्रित भीड़ लोगों पर हमला कर रही है।
दूसरे शहरों में छिप गए लड़के
खुफिया विभाग को हमले के बारे में जानकारी है कि सीमा पार से आए ये युवक अब मुर्शिदाबाद में नहीं हैं, संभव है कि ये लड़के चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, मुंबई, कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, सिक्किम, केरल, ओडिशा के अलावा गुजरात के कई शहरों में बंधुआ मजदूरी करने चले गए हों और अगले कई सालों तक वे इसी भूमिका में रहेंगे।
कुल मिलाकर योजना अभी से भारत में घुसपैठ करने की है क्योंकि अगले कुछ सालों में सीमा 100% सील हो जाएगी। इसलिए सीमा सील होने के बाद भी हमले जारी रहने चाहिए। आज जो युवा घुसपैठ करते हैं, उनमें से ज़्यादातर 18 साल से कम उम्र के लड़के होते हैं और उन पर कोई केस दर्ज नहीं हो पाता। जब तक वे बड़े नहीं हो जाते, ये लड़के स्लीपर सेल बने रहेंगे और आम भारतीयों की तरह ही व्यवहार करेंगे।
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