India News (इंडिया न्यूज), Worship Of Devi Skandmata: मां स्कंदमाता देवी दुर्गा के नौ रूपों में से एक हैं, जिन्हें नवरात्रि के पाँचवें दिन पूजा जाता है। यह माता का ऐसा रूप है जिसमें वे अपनी गोद में अपने पुत्र, भगवान कार्तिकेय (स्कंद) को लिए हुए हैं। स्कंदमाता को मां का सबसे करुणामय रूप माना जाता है। उनकी पूजा करने से संतान सुख, सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। खासकर, सुहागन महिलाओं के लिए मां की पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है। आराधना के साथ, शाम की आरती में एक खास वस्तु का समर्पण मां को बहुत प्रिय होता है, जो भक्तों को अपार आशीर्वाद प्रदान करती है।
मां स्कंदमाता की महिमा:
मां स्कंदमाता की पूजा करने से न केवल संतान की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का प्रवेश होता है। उन्हें शक्ति, प्रेम और ममता की प्रतीक माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मां स्कंदमाता की आराधना से परिवार में कलह समाप्त होता है, और समृद्धि के द्वार खुलते हैं।
आरती का महत्व:
मां स्कंदमाता की पूजा के बाद शाम की आरती करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। विशेष रूप से नवरात्रि के दिनों में आरती में शामिल होकर, भक्त अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं और माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। आरती के समय दीया, धूप, कपूर आदि के साथ कुछ विशेष वस्तुओं को मां को समर्पित करने का विशेष महत्व है।
वह अति प्रिय वस्तु जिसे रखना न भूलें:
मां स्कंदमाता को विशेष रूप से लाल फूल अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह वस्तु मां को अति प्रिय है। लाल फूल शक्ति, समर्पण और प्रेम का प्रतीक होते हैं। सुहागन स्त्रियों को विशेष रूप से शाम की आरती के समय लाल फूलों का अर्पण करना चाहिए। यह न केवल मां का आशीर्वाद प्राप्त करने का माध्यम है, बल्कि इससे जीवन में धन, सुख-समृद्धि और संतान संबंधी आशीर्वाद भी मिलता है।
लाल फूल अर्पण के लाभ:
- धन की प्राप्ति: मां स्कंदमाता की कृपा से जीवन में धन की कमी नहीं होती। लाल फूल अर्पित करने से आर्थिक स्थिति में सुधार आता है।
- सुख-शांति: परिवार में सुख-शांति और प्रेम बना रहता है।
- संतान सुख: मां स्कंदमाता संतान प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं। उनकी आराधना करने से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।
- समृद्धि: घर में समृद्धि का प्रवेश होता है और व्यापार या कार्यक्षेत्र में उन्नति होती है।
- वैवाहिक जीवन में खुशहाली: सुहागन महिलाओं के लिए मां स्कंदमाता की पूजा से उनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।
आरती की विधि:
शाम की आरती के समय मां स्कंदमाता को लाल रंग के ताजे फूल अर्पित करें और सच्चे मन से मां का ध्यान करें। कपूर और धूप जलाएं और मां की आरती करें। साथ ही, मां से परिवार की सुख-समृद्धि, संतान सुख, और धन की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें। नवरात्रि के समय यह पूजा विशेष फलदायी होती है, लेकिन किसी भी दिन मां की पूजा करने से अपार आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।
निष्कर्ष:
मां स्कंदमाता की पूजा और विशेष रूप से आरती के समय लाल फूल अर्पित करना सुहागन महिलाओं के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इससे मां की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि, संतान सुख और धन की प्राप्ति होती है। मां का आशीर्वाद जीवन के सभी दुखों को हरता है और भक्तों को एक सुखद और समृद्ध जीवन प्रदान करता है।
शिव का विरह और माता सती के ये अंग बन गए शक्तिपीठ…कहां-कहां गिरा था देवी का अंग और बन गया धाम?
इसलिए, आरती के समय लाल फूल अवश्य अर्पित करें और मां स्कंदमाता की कृपा से अपने जीवन को खुशहाल बनाएं।
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