India News (इंडिया न्यूज), MEA On Trump: भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद देश की राजनीति गर्मा गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सबसे पहले सीजफायर की घोषणा करने की वजह से विपक्ष भारत सरकार पर हमलावर हो गई है। अब इसपर विदेश सचिव का स्पष्टीकरण सामने आया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार (19 मई, 2025) को विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति के समक्ष आतंकवाद में पाकिस्तान की संलिप्तता के गंभीर आरोप लगाए। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने समिति को बताया कि पहलगाम आतंकवादी हमले की योजना और संचालन सीमा पार से किया गया था और आतंकवादी सीधे पाकिस्तान में बैठे मास्टरमाइंड के संपर्क में थे।

विदेश सचिव ने क्या बताया?

विदेश सचिव ने जांच के ठोस तथ्यों के आधार पर बताया कि पाकिस्तान अभी भी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी खुलेआम पाकिस्तानी धरती से काम कर रहे हैं और भारत के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों, सैन्य खुफिया एजेंसियों और कुछ नागरिक प्रशासनिक संस्थानों के बीच “स्पष्ट और संस्थागत गठजोड़” की बात कही। सूत्रों ने मिस्री के हवाले से कहा, “ये बातें केवल कहानियों पर आधारित नहीं हैं, बल्कि ठोस सबूतों से जुड़ी हैं।”

Operation Sindoor के दौरान मारे गए पाकिस्तान सेना के 64 जवान,सेना ने किया बड़ा खुलासा, सुन जीत का जश्न मना रहे पाक लोगों को लगा सदमा

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कही ये बात

जम्मू-कश्मीर से जुड़े मामलों में किसी अन्य देश की भूमिका को खारिज करते हुए उन्होंने भारत की संप्रभुता का भी पुरजोर समर्थन किया। सदस्यों के सवालों के जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पूरी तरह से पारंपरिक थी। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के किसी परमाणु ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया और न ही पाकिस्तान की ओर से कोई परमाणु धमकी या संकेत दिया गया।

ट्रंप के दावे को किया खारिज

उन्होंने सोशल मीडिया पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने खुद को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का मध्यस्थ बताया था। उन्होंने समिति से कहा, “कोई विदेशी मध्यस्थता नहीं थी। संघर्ष विराम द्विपक्षीय फैसला था। ट्रंप सिर्फ चर्चा में आने के लिए कूद पड़े।” इसके अलावा, मिस्री ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के पिछले बयान पर उठे विवाद पर भी सफाई दी। उन्होंने कहा कि जयशंकर की टिप्पणी का गलत मतलब निकाला गया। वह खास तौर पर ऑपरेशन सिंदूर के पहले चरण की बात कर रहे थे, जिसमें भारत ने 6-7 मई को नौ आतंकी कैंपों को निशाना बनाया था और उसके बाद पाकिस्तान को इसकी जानकारी दी गई थी।

समिति ने ये प्रस्ताव किया पारित

समिति के अध्यक्ष कांग्रेस सांसद शशि थरूर सहित सभी सदस्यों ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री और उनके परिवार के खिलाफ ऑनलाइन ट्रोलिंग की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया, जिससे भारत के शीर्ष राजनयिक के प्रति सर्वदलीय समर्थन प्रदर्शित हुआ।

मुस्लिम लड़के के प्यार में हिंदू लड़की ने पार की सारी हदें, खिड़की का शीशा तोड़ बेरहमी से रेत दिया अपनी मां का गला