India News (इंडिया न्यूज), Minimum Export Price: भारत सरकार ने प्याज और चावल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कुछ समय पहले न्यूनतम निर्यात मूल्य पर प्रतिबंध लगाया था। जिसको अब हटा दिया गया है। इससे प्याज और बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को अधिक दाम मिल सकेंगे। डीजीएफटी ने शुक्रवार (13 सितंबर) को अधिसूचना जारी कर न्यूनतम निर्यात मूल्य हटाने की घोषणा की। इसे तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।

कितना था प्याज और बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य

दरअसल, केंद्र सरकार ने प्याज पर 550 डॉलर प्रति टन न्यूनतम निर्यात मूल्य तय किया था। साथ ही बासमती चावल पर 950 डॉलर प्रति टन न्यूनतम निर्यात मूल्य तय किया था। इससे कम दर पर प्याज और बासमती चावल को विदेश नहीं भेजा जा सकता था। वहीं घरेलू बाजार में प्याज की कीमत को बढ़ने से रोकने के लिए ऐसा किया गया था। लोकसभा चुनाव और उसके बाद मानसून के कारण सरकार को डर था कि प्याज की कीमतें तेजी से बढ़ सकती हैं। इस वजह से किसान अब अंतरराष्ट्रीय बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे थे।

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कई राज्यों में होने वाला है विधानसभा चुनाव

बता दें कि, महाराष्ट्र और हरियाणा समेत अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले विदेश व्यापार महानिदेशालय ने यह फैसला लिया है। इस फैसले से किसान खुश हो सकते हैं। महाराष्ट्र में प्याज का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। इससे पहले प्याज और बासमती चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाया गया था। प्रतिबंध हटाते समय सरकार ने न्यूनतम निर्यात मूल्य का अड़ंगा लगा दिया था। इससे पहले बासमती चावल पर 1200 डॉलर का न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाया गया था। हरियाणा और पंजाब में बासमती चावल के दाम घटकर 1000 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गए हैं। साथ ही सरकार ने गेहूं पर स्टॉक रखने की सीमा भी घटा दी है। अब व्यापारी सिर्फ 2000 मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक रख सकेंगे। पहले यह सीमा 3000 मीट्रिक टन थी।

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