India News (इंडिया न्यूज), Ajmer Blackmail Scandal: राजस्थान के ब्यावर जिले के विजयनगर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक समुदाय विशेष के युवकों ने स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग छात्राओं को अपने जाल में फंसाकर ब्लैकमेल किया, उनका यौन शोषण किया और उन्हें एक विशेष धर्म में आस्था रखने के लिए मजबूर किया। मामले को लेकर स्थानीय लोगों, अभिभावकों और हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन कर मामला दर्ज कराया। लोगों के मुताबिक करीब 12-15 युवकों का गिरोह यह सब कर रहा था। इसके बाद पुलिस ने पांच युवकों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि दो नाबालिग आरोपियों को हिरासत में लिया गया है।
पूरे मामले में पुलिस ने बताया कि पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर सात युवकों को हिरासत में लिया गया है। इन पर एक विशेष धर्म में आस्था रखने के लिए दबाव बनाने का भी आरोप है। जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मसूदा डीवाई एसपी सज्जन सिंह राठौड़ ने बताया कि परिजनों ने एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें बताया गया है कि आरोपी नाबालिग छात्राओं को डरा-धमकाकर ब्लैकमेल कर रहे थे और जान से मारने की धमकी दे रहे थे। उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। उनसे पैसे मांगते थे और अपने धर्म को मानने का दबाव बनाते थे।
मामले में तीन फिर FIR
मामले में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। कुछ आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। आज पांचों पीड़ित लड़कियों के मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज किए गए हैं और आगे की कार्रवाई की जा रही है। इस मामले को पोक्सो कोर्ट में भेजा जाएगा और केस ऑफिसर स्कीम के तहत पूरे मामले की जांच की जाएगी, ताकि पीड़ित लड़कियों को जल्द न्याय मिले और सभी आरोपियों को कड़ी सजा मिले।
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने सबसे पहले एक निजी स्कूल की लड़की को अपने जाल में फंसाया। उसे चाइनीज मोबाइल मुहैया कराया। उसे प्रताड़ित और ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इसके बाद उसके सामने शर्त रखी कि अगर वह अपनी क्लास की दूसरी छात्राओं से संपर्क करवाएगी तो वे उसे छोड़ देंगे। इस तरह लड़की ने अपनी क्लास में पढ़ने वाली पांच-छह लड़कियों को अपने जाल में फंसाया और उन्हें भी धमकाकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। आरोपी उन पर अपने धर्म की चीजें अपनाने का दबाव भी बनाते थे। गिरफ्तार आरोपियों में रिहान मोहम्मद, सोहेल मंसूरी, लुकमान, अरमान पठान और साहिल कुरैशी शामिल हैं।
पैसे चोरी होने से खुला मामला
पीड़ित युवती ने आरोपियों को देने के लिए घर से दो हजार रुपये चुराए थे। इसी बीच जब घर से पैसे चोरी हो गए तो परिजनों ने युवती पर नजर रखनी शुरू कर दी। इस दौरान उन्होंने बेटी को मोबाइल पर किसी से बात करते हुए पकड़ लिया। उससे पूछताछ की गई तो पूरा मामला सामने आया। पीड़ित परिवार ने लव जिहाद के तहत मामला दर्ज कराया। पुलिस ने योजना बनाकर युवती को दिए गए मोबाइल के जरिए आरोपियों को जाल में फंसाया।
मौके पर पहुंचकर उन्हें पकड़ लिया गया। बाद में कार्रवाई करते हुए मामले में शामिल कुछ अन्य युवकों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। मामले के बाद हिंदू संगठनों में रोष है। सोमवार को विभिन्न हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने प्रशासन से इस पर आपत्ति जताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की।
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10 से 15 लड़कों का गिरोह कर रहा है यह काम
यह एक गिरोह है (करीब 10-15 लड़के काम कर रहे हैं) जिसमें सोहेल मंसूरी, सोहेब, अयान, अफरान, साहिल, आशिक कुरैशी, साहिल की मौसी का बेटा, अज्ञात, रयान, जावेद, अमन, करीम, सोहेल का पड़ोसी (फैजान) और अन्य 10-15 लड़के शामिल हैं, जो हर दिन इस तरह का काम कर रहे हैं और हमारी बेटियों को अपने जाल में फंसाकर उन्हें मोबाइल जैसे छोटे-मोटे खिलौनों का लालच दे रहे हैं।
आरोपी अन्य नाबालिग लड़कियों को धमकाकर दबाव बना रहे थे, उनके साथ जबरन कैफे आदि में जाने, अपनी पसंद के कपड़े पहनने का दबाव बना रहे थे, आदि। नाबालिग लड़कियों ने बताया कि कई बार आरोपियों ने उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने की भी कोशिश की और शारीरिक शोषण के लिए एक-दूसरे के दोस्तों से मिलवाने का दबाव बनाया गया। उन्हें कलमा पढ़ने और रोजा रखने के लिए मजबूर किया गया और मना करने पर जान से मारने की धमकी दी गई।
फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी
जब हमने अपनी बेटियों की सहेलियों के परिजनों से संपर्क किया तो पता चला कि उनकी बेटियों के पास भी ऐसे ही फोन हैं। उनके साथ भी ऐसी ही घटनाएं हुई हैं। नाबालिग लड़कियों को गिरोह का शिकार बनाकर उनका यौन शोषण और मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। साथ ही धोखे से खींची गई उनकी संदिग्ध फोटो और वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर उनका धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है। हमारी बेटियों के अलावा यह गिरोह अन्य नाबालिग लड़कियों की फोटो और वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल कर रहा है और अगर उनका संपर्क अन्य लड़कियों से कराया जाता है तो उन्हें छोड़ने का झूठा आश्वासन दिया जाता है।
पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपी आपस में दोस्त हैं। इनमें से कुछ एक ही मोहल्ले के रहने वाले हैं। ये सभी वेल्डिंग, पेंटिंग और फर्नीचर का काम करते हैं। एक भी आरोपी स्कूल में नहीं पढ़ता। इसके बावजूद उन्होंने कई स्कूली लड़कियों को अपने जाल में फंसाया। जिन लड़कियों को उन्होंने शिकार बनाया, वे भी उसी मोहल्ले की रहने वाली हैं। आरोपियों ने एक के बाद एक कई लड़कियों को अपना शिकार बनाया।
अजमेर ब्लैकमेल केस से मिलता जुलता मामला
गिरोह में शामिल हर आरोपी इन लड़कियों के नंबर एक दूसरे से शेयर करता था। जो भी लड़की आरोपियों का शिकार बनती थी, उसकी अश्लील फोटो और वीडियो बना लिए जाते थे। इसी के आधार पर ब्लैकमेलिंग की जाती थी। लड़कियों पर रोजा रखने और कलमा पढ़ने का भी दबाव बनाया जाता था। सभी आरोपियों द्वारा नाबालिग लड़कियों को फंसाने और उनका शिकार करने का तरीका 1992 के अजमेर ब्लैकमेल केस के आरोपियों के तरीके से मिलता-जुलता था। यहां भी आरोपियों ने एक ही प्राइवेट स्कूल की लड़कियों को अपना निशाना बनाया था। दरअसल, इन सभी लड़कियों के स्कूल आने-जाने का रास्ता कुछ आरोपियों के मोहल्ले से होकर गुजरता था। इसी का फायदा आरोपियों ने उठाया।
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