• बतौर पीएम पद के उम्मीदवार मोदी ने संसद में पहली बार पहुंचने पर सीढ़ियों पर टेका था माथा

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Modi Government Eight Years ): प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ही के दिन आठ साल पहले वर्ष 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। वर्ष 2019 में दूसरी बार बीजेपी ने आम चुनाव जीता था जिसके के बाद मोदी प्रधानमंत्री चुने गए थे। 20 मई 2014 को संसद के सेंट्रल हॉल में बीजेपी संसदीय दल की बैठक के दौरान नरेंद्र मोदी को पार्टी के संसदीय दल का नेता चुना गया था। यही दिन है जब बतौर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पहली बार संसद पहुंचे थे। संसद भवन में प्रवेश करते समय उन्होंने संसद की सीढ़ियों पर झुककर माथा टेका था।

संसद भवन की सीढ़ियों पर माथा टेकते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो 20 मई 2014)

संसदीय दल की बैठक में भावुक हो गए थे आडवाणी व मोदी

बैठक में पूर्व पीएम व बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी अपने भाषण के दौरान भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा था कि मोदी ने बड़ी कृपा की है, जो आज हम सबने यह दिन देखा। इस पर नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत मां के बाद मेरी मां बीजेपी है और अपनी मां पर कोई बेटा पर कृपा कैसे कर सकता है। यह कहकर मोदी भी भावुक हो गए थे।

45 मंत्रियों ने ली थी शपथ, सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल हुए थे

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले दिन उनके साथ 45 मंत्रियों ने शपथ ली थी। सार्क देशों के प्रमुखों को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया था। पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे।

शपथ के तीन महीने बाद रखा था योग दिवस का सुझाव, 177 सदस्य देशों का समर्थन मिला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार पीएम पद की शपथ लेने के तीन महीने बाद 24 सितंबर 2014 संयुक्त राष्टÑ असेंबली में भाषण के दौरान योग दिवस’ के लिए अपना सुझाव रखा था। इसके बाद 21 जून 2015 को मोदी द्वारा रखे गए योग दिवस के प्रस्ताव को 177 सदस्य देशों ने समर्थन दिया था जो एक रिकॉर्ड था। इसके बाद से ही पूरी दुनिया भर में पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।

वर्ष 2016 में इस महीने की थी नोटबंदी की घोषणा

प्रधानमंत्री मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को रात आठ बजे देश में नोटबंदी की घोषणा की थी। इसके तहत पूरे देश में 1000 व 500 के नोट प्रतिबंधित कर दिए गए। नकली नोट छापने की रोक के अलावा नोटबंदी पर चार कारणों से पाबंदी लगाई गई थी। इसका मकसद ब्लैक मनी जब्त करना, पाकिस्तान से हो रही टेरर फंडिंग की जांच और भ्रष्टाचार को कम करना भी था। बता दें कि नेटबंदी का देश में विरोध भी हुआ था। लोगों को परिशानियों का सामना भी करना पड़ा था।

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