India News (इंडिया न्यूज़), Moon In Astrology: ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन, माता और रचनात्मकता का कारक ग्रह कहा जाता है। यदि कुंडली में चंद्रमा मजबूत स्थिति में हो तो व्यक्ति को मानसिक स्थिरता मिलती है। वहीं कुंडली में मौजूद कमजोर चंद्रमा अस्थिरता पैदा कर सकता है। तो चलिए जानते हैं कि कुंडली के किन घरों में चंद्रमा की स्थिति शुभ मानी जाती है और किन घरों में चंद्रमा जीवन में चुनौतियां रहती है।

जानिए कुंडली के सभी भावों में चंद्रमा का फल

कुंडली के पहले घर में चंद्रमा: प्रथम भाव में बैठा चंद्रमा व्यक्ति को आकर्षक बनाता है। ऐसे लोग रचनात्मक कार्यों में रुचि रखते हैं और इन्हें रचनात्मक कार्यों में सफलता भी मिलती है। ऐसे लोग व्यावहारिक और तार्किक होते हैं इसलिए इन्हें करियर के क्षेत्र में सफलता मिलती है। हालाँकि इन लोगों में शारीरिक कमजोरी रह सकती है।

कुंडली के दूसरे भाव में चंद्रमा: दूसरे भाव को आपका पारिवारिक भाव कहा जाता है, इसलिए इस भाव में शुभ ग्रह चंद्रमा की स्थिति आपके पारिवारिक जीवन में स्थिरता लाएगी। ऐसे लोगों को सामाजिक स्तर पर सम्मान मिलता है। ऐसे लोगों की वाणी मधुर होती है। हालाँकि ऐसे लोगों को धन संबंधी मामलों में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

कुंडली के तीसरे घर में चंद्रमा: कुंडली के तीसरे घर में चंद्रमा आपको कलात्मक बनाता है। इस भाव में चंद्रमा की उपस्थिति से व्यक्ति के हर काम में नयापन देखने को मिलता है। ऐसे लोग पैसा बचाने में भी अव्वल होते हैं। ऐसे लोग साहसी माने जाते हैं और इनका हमेशा खुश रहने का गुण इन्हें सामाजिक स्तर पर सम्मान दिलाता है।

कुंडली के चौथे भाव में चंद्रमा: जिन लोगों के चतुर्थ भाव में चंद्रमा होता है, उनमें अपने परिवार के प्रति बहुत अधिक लगाव देखा जाता है। ऐसे लोगों को पैसा कमाने में ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है। चतुर्थ भाव में चंद्रमा आपको अच्छी याददाश्त देता है।

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कुंडली के पाचवें भाव में चंद्रमा: ऐसे लोगों को खेल और कला के क्षेत्र में सफलता मिलती है। जीवन के किसी न किसी पड़ाव पर ऐसे लोग सामाजिक स्तर पर प्रसिद्धि जरूर हासिल करते हैं। हालाँकि ऐसे लोगों के स्वभाव में चिड़चिड़ापन देखा जा सकता है।

कुंडली के छठे भाव में चंद्रमा: इस भाव में चंद्रमा का होना बहुत अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसे लोगों को पेट और आंखों से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। ऐसे लोगों को बचपन में भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि ऐसे लोगों की उम्र लंबी होती है। यदि इस भाव में चंद्रमा की स्थिति अनुकूल हो तो व्यक्ति को उन्नति मिलती है।

कुंडली के सातवें घर में चंद्रमा: ऐसे लोग अच्छे बिजनेसमैन माने जाते हैं। इन्हें पारिवारिक जीवन में भी अच्छे परिणाम मिलते हैं और ये अपने परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह समझते हैं। ये लोग जल्द ही शादी के बंधन में बंध सकते हैं। हालाँकि ऐसे लोग हर कार्य को करने में जल्दबाजी कर सकते हैं।

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कुंडली के आठवें भाव में चंद्रमा: यहां स्थित चंद्रमा आपको मिश्रित परिणाम देता है। ऐसे लोगों को व्यापार में लाभ होता है और जीवनसाथी से भी आर्थिक लाभ मिल सकता है। हालांकि ऐसे लोगों को मानसिक परेशानियां घेर सकती हैं। योग और ध्यान करना उनके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।

कुंडली के नौवें घर में चंद्रमा: नवम भाव में चंद्रमा की उपस्थिति व्यक्ति को शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाती है। ये अपने कार्य कौशल से पर्याप्त धन कमा लेते हैं। इन्हें यात्राओं से भी लाभ मिलता है। इसके साथ ही ऐसे लोग धार्मिक कार्यों में भी रुचि रखते हैं।

कुंडली के दशवें भाव में चंद्रमा: इस घर में बैठा चंद्रमा व्यक्ति को बौद्धिक रूप से अच्छा बनाता है। उनके अपनी मां के साथ बहुत अच्छे रिश्ते हैं. हालाँकि ऐसे लोगों को संतान पक्ष से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

कुंडली के ग्यारहवें घर में चंद्रमा: इस भाव को लाभ का भाव कहा जाता है। इस भाव में चंद्रमा की उपस्थिति से आपको मान-सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है। आप कलात्मक क्षेत्रों में भी सफल हो सकते हैं। आप रचनात्मक होंगे जिसका लाभ आपको जीवन भर मिलेगा। ऐसे लोग आर्थिक रूप से भी समृद्ध होते हैं।

कुंडली के बारहवें भाव में चंद्रमा: इस भाव में चंद्रमा की उपस्थिति से राजनीति के क्षेत्र में सफलता मिल सकती है। ऐसे लोग किसी भी परिस्थिति में आसानी से ढलने में सक्षम माने जाते हैं। हालाँकि, चंचलता उनके बुरे पक्षों में से एक है।

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