India News (इंडिया न्यूज), Space Telescope: जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप अब तक लॉन्च किया गया सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप है। अब अलौकिक जीवन की खोज में एक महत्वपूर्ण अवलोकन मिशन शुरू करने के लिए तैयार है। दूरबीन एक दूर के ग्रह K2-18b पर ध्यान केंद्रित करेगी। जो 124 प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक लाल बौना तारा है। ग्रह K2-18b ने जीवन को आश्रय देने की अपनी क्षमता की वजह से वैज्ञानिकों का ध्यान आकर्षित किया है। कयास लगाया जा रहा है कि यह पृथ्वी से लगभग 2.6 गुना बड़ा महासागर से ढका विश्व है। वहीं वैज्ञानिक जिस प्रमुख तत्व की तलाश कर रहे हैं वह डाइमिथाइल सल्फाइड है, जो एक आकर्षक विशेषता वाली गैस है। नासा के मुताबिक पृथ्वी पर डीएमएस केवल जीवन द्वारा निर्मित होता है, मुख्य रूप से समुद्री फाइटोप्लांकटन द्वारा।
दूसरे गृह पर दिखा जीवन का आसार
बता दें कि, ग्रां K2-18b के वातावरण में डीएमएस की उपस्थिति एक महत्वपूर्ण खोज होगी। खैर कैम्ब्रिज अध्ययन के प्रमुख खगोलभौतिकीविद् डॉ. निक्कू मधुसूदन ने निष्कर्ष पर पहुंचने के प्रति आगाह किया है। जबकि JWST का प्रारंभिक डेटा डीएमएस उपस्थिति की उच्च संभावना 50% से अधिक का सुझाव देता है। टेलीस्कोप इस शुक्रवार (26 अप्रैल) को आठ घंटे तक अवलोकन करेगा, जिसके बाद किसी निश्चित उत्तर तक पहुंचने से पहले महीनों तक डेटा प्रोसेसिंग की जाएगी। दरअसल, जीवन की अनुपस्थिति में डीएमएस उत्पन्न करने के लिए ज्ञात प्राकृतिक, भूवैज्ञानिक या रासायनिक प्रक्रिया की कमी उत्साह को बढ़ाती है। खैर पुष्टि होने पर भी, K2-18b की अत्यधिक दूरी एक तकनीकी बाधा प्रस्तुत करती है। वोयाजर अंतरिक्ष यान (38,000 मील प्रति घंटे) की गति से यात्रा करते हुए, ग्रह तक पहुंचने में जांच को 2.2 मिलियन वर्ष लगेंगे।
स्पेस टेलीस्कोप कर रहा जीवन का अवलोकन
दरअसल, अत्यधिक दूरी के बावजूद किसी ग्रह के बादलों के माध्यम से फ़िल्टर किए गए तारों के प्रकाश के वर्णक्रमीय विश्लेषण के माध्यम से उसके वायुमंडल की रासायनिक संरचना का विश्लेषण करने की JWST की क्षमता पृथ्वी से परे जीवन की संभावना में एक नई खिड़की प्रदान करती है। इस मिशन में इस सदियों पुराने प्रश्न का उत्तर देने की क्षमता है कि क्या हम वास्तव में ब्रह्मांड में अकेले हैं। आगामी अवलोकनों का उद्देश्य K2-18b के वातावरण में मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड के अस्तित्व को स्पष्ट करना है।
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