India News (इंडिया न्यूज), Mumbai ferry crash: बीते बुधवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक नाव डूब गई। इस घटना में लगभग 100 लोगों को रेस्क्यू किया गया, वहीं 14 लोगों की मौत हो गई। यह नाव मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा लोगों को ले जा रही थी। उसी दौरान नेवी की एक बोट टकरा गई और सवारी वाली नाव डूब गई। घटना में रेस्क्यू ऑपरेशन की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को मिली।
चारों तरफ था मौत का मंजर
घटना इतनी दर्दनाक थी कि देखते ही देखते चारों तरफ चीख पुकार मच गई। घटना की जानकारी मिलते ही CISF के लगभग 50 जवानों को रेस्क्यू के लिए भेजा गया। उस टीम में शामिल थे CISF सब इंस्पेक्टर हेयो कसेमा और कांस्टेबल जेडी सावंत। इंडिया न्यूज से बातचीत में उन्होंने वो मंजर बताया जब नाव डूबने के बाद वहां था। सब इंस्पेक्टर हेयो कसेमा बताते हैं कि जब हमें सूचना मिली तो हम सब तुरंत रेस्क्यू के लिए निकल गए। हमारी टीम के साथ और भी कई टीम थी जो रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल थी। 10 से 12 मिनट में हम घटनास्थल पर पहुंच चुके थे। हमने देखा चारों तरफ लोग चीख पुकार कर रहे हैं। सब इंस्पेक्टर हेयो कसेमा नागालैंड के रहने वाले हैं, अभी वो मुंबई में पोस्टेड हैं। वो कहते हैं कि हमारी प्रायोरिटी थी कि सबको बचाया जा सके। जब इस तरह की स्थिति आती है तो भगदड़ मच जाती है। ऐसे में यह तय करना मुश्किल होता है कि किसे पहले बचाएं।
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खुद भी लगी चोट
कांस्टेबल जेडी सावंत महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। वो बताते हैं कि जब हम सर्विस में आते हैं तो त्याग न्याय और आम लोगों की सुरक्षा के लिए होते हैं। हमने वही किया, हमने ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाया। ये दुखद है कि हम कुछ को नहीं बचा पाए। सवारी नाव की क्षमता से अधिक थी, लाइफ सेविंग जैकेट सबके पास नहीं थी। सावंत कहते हैं कि अगर लाइफ सेविंग जैकेट होता तो और ज्यादा लोगों को बचाया जा सकता था। हमने पूरी रेस्क्यू ऑपरेशन में अपने चोट और दर्द को भी नजरंदाज कर दिया बस आम लोगों को बचाया जा सके।
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