इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने सभी राज्यों को लंबित निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत के आदेश के बाद कई राज्यों खासतौर पर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में ओबीसी आरक्षण के बिना निकाय चुनाव कराने की राह साफ हो गई है। एक अंतरिम आदेश में शीर्ष कोर्ट ने मध्य प्रदेश चुनाव आयोग को दो सप्ताह में अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि ओबीसी आरक्षण की शर्तें पूरा किए बिना निकाय चुनावों में आरक्षण नहीं दिया जा सकता।

राज्य सरकार कोर्ट के निर्देशानुसार चुनाव कराने के लिए तैयार

मध्य प्रदेश में पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव (Madhya Pradesh Municipal Elections) में ओबीसी के आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पिछले हफ्ते शुक्रवार को सुनवाई पूरी हो गई थी और कोर्ट ने आज के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने सुनवाई के दौरान राज्य में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिए जाने के आधार संबंधी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी। इसमें ओबीसी को 35 फीसदी आरक्षण देने की सिफारिश की गई है। सरकार की ओर से कहा गया कि हम कोर्ट के निर्देशानुसार चुनाव कराने के लिए तैयार हैं।

कोर्ट ने दिए थे स्टडी करवाने के निर्देश

कोर्ट ने मध्य प्रदेश में जिला, ग्राम व जनपद और पंचायत व नगरीय निकाय (नगर परिषद, नगर पालिका और नगर निगम) में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए स्टडी करवाने के निर्देश दिए थे। राज्य सरकार ने इसके बाद प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग बनया। इस आयोग ने मतदाता सूची का परीक्षण कराने के बाद दावा किया कि राज्य में 48 फीसदी वोटर ओबीसी हैं। इस आधार पर रिपोर्ट में त्रिस्तरीय पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी को 35 फीसदी आरक्षण देने की सिफारिश करते हुए सरकार को रिपोर्ट सौंपी गई।

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