India News (इंडिया न्यूज), Murshidabad Violence Updates: वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ पश्चिम बंगाल के कई शहरों में हिंसक घटनाएं सामने आई हैं। सबसे पहले मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़की, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई। फिर शमशेरगंज के जाफराबाद में बवाल हुआ। इसके बाद दक्षिण 24 परगना में हिंसा भड़क गई। एक पुलिस वैन को आग के हवाले कर दिया गया है। कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई है। वहां पुलिस दंगाइयों से निपटने की कोशिश कर रही है। अब भांगड़ के घाटपुकुर में फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है, जहां टीएमसी विधायक शौकत मोल्लाह भी फंसे हुए हैं।
इस बीच मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर हाल ही में हुई हिंसा की कोर्ट की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग की है। वकील शशांक शेखर झा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा, वक्फ तो बहाना है, हिंदू निशाने पर हैं।
‘ममता बनर्जी के बयान की वजह से हिंसा भड़की’
अब भाजपा कह रही है कि ममता बनर्जी के बयान की वजह से हिंसा भड़की। भाजपा ने ममता बनर्जी की एक बाइट पोस्ट की और लिखा, ममता बनर्जी बंगाल पर नियंत्रण नहीं खो रही हैं। 18 फरवरी 2025 को उन्होंने हिंसा की चेतावनी नहीं दी थी। उन्होंने हिंसा को आमंत्रित किया था। भाजपा द्वारा शेयर किए गए वीडियो में ममता कहती नजर आ रही हैं, “अगर वे आंदोलन का आह्वान करते हैं, तो क्या आप खुद को नियंत्रित कर पाएंगे?” भाजपा ने कहा, यह बयानबाजी नहीं थी। यह हरी झंडी थी। पश्चिम बंगाल का अराजकता में गिरना कोई दुर्घटना नहीं है – यह नीति है।
इस बीच, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने मुर्शिदाबाद और राज्य के अन्य हिंसा प्रभावित इलाकों की स्थिति पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि राजभवन का कोर ग्रुप मुर्शिदाबाद और अन्य संवेदनशील इलाकों में स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है।
बीएसएफ की 9 कंपनियां तैनात
राज्यपाल बोस ने कहा कि इस मुद्दे पर उनके और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच चर्चा हुई है और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय भी पूरी तरह सतर्क है और स्थिति पर नजर रख रहा है। राज्यपाल बोस ने कहा कि कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए बीएसएफ और स्थानीय पुलिस समेत सभी प्रवर्तन एजेंसियों से रिपोर्ट मिल गई है। केंद्र सरकार ने पर्याप्त संख्या में केंद्रीय बलों की तैनाती की है और जरूरत पड़ने पर और अधिक बलों की तैनाती के लिए तैयार है। फिलहाल बीएसएफ की 9 कंपनियां तैनात हैं और इसके अलावा सीआरपीएफ, आरपीएफ और आरआईएफ भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। केंद्रीय बलों के साथ राज्य पुलिस भी इलाके में सक्रिय है और उपद्रवियों की धरपकड़ की जा रही है।
लोगों को मदद मुहैया कराई जा रही?
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने कहा कि संकट में फंसे लोगों को केंद्रीय बलों की ओर से समय पर मदद मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हिंसा फैलाने वालों और उनके संरक्षकों को यह समझ लेना चाहिए कि अब यह लड़ाई होने वाली है। अब हिंसा और अपराध के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। डॉ. बोस ने यह भी कहा कि यह लड़ाई सिर्फ कानून व्यवस्था की नहीं है, बल्कि अन्याय और हिंसा के खिलाफ समाज की लड़ाई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अदालतें, सरकार और समाज के सभी जिम्मेदार और सतर्क नागरिक एकजुट होकर इन अपराधियों को खत्म करने के लिए कड़ा रुख अपना रहे हैं।