India News (इंडिया न्यूज), Waqf Amendment Bill : वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सदन में काफी हंगामा हो रहा है। विपक्ष शुरू से ही इस विधेयक का विरोध कर रहा है और मोदी सरकार पर हमला बोल रहा है। वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने अभी तक इस मुद्दे पर चर्चा में हिस्सा नहीं लिया है। मुस्लिम नेता उनके इस रवैये से खुश नहीं हैं।
उन्होंने इस पर निराशा जताई है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली और ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएसपीएलबी) के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी मुस्लिम समुदाय की ओर से लोकसभा में बोलेंगे।

वक्फ पर बहस में राहुल ने हिस्सा नहीं लिया

दरअसल, 2 अप्रैल को विपक्ष के नेता राहुल गांधी संशोधनों पर पार्टी के रुख पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं और सांसदों के साथ बैठक के लिए संसद में मौजूद थे। लेकिन बैठक के तुरंत बाद ही वे चले गए और जाहिर तौर पर महत्वपूर्ण वक्फ बहस से अनुपस्थित रहने का फैसला किया। बाद में वे मतदान के लिए उपस्थित हुए, चर्चा के दौरान उनकी अनुपस्थिति के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा।

राहुल-प्रियंका से मुस्लिम नेता नाखुश

राहुल-प्रियंका द्वारा बिल के बारे में कुछ न बोलने पर मौलाना महली ने कहा, मुझे आश्चर्य हुआ कि लोकसभा में विपक्ष के नेता ने सदन में इस बारे में कोई बयान नहीं दिया। मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस पार्टी उचित बयान जारी करेगी। मौलाना अब्बास ने कहा, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को बयान देना चाहिए था। मुझे उम्मीद थी कि प्रियंका गांधी आएंगी और वक्फ बिल के खिलाफ वोट करेंगी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

उन्होंने आगे कहा, हमें प्रियंका गांधी में इंदिरा गांधी दिखती हैं। कांग्रेस का मुसलमानों का समर्थन करने और उनके लिए बोलने का इतिहास रहा है। पार्टी ने बिल के खिलाफ वोट दिया, लेकिन मैं राहुल गांधी को लोकसभा में बोलते हुए सुनना चाहता था।

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