India News (इंडिया न्यूज),Maulana Madni: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर के लोगों में आक्रोश भरा हुआ है ऐसे मि किसी व्यक्ति द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करना इस चीज को और भी तनाव बढ़ा दे रहा है। वहीँ जैसे जैसे भारत पाक पर हमलावर हो रहा है दोनों के बीच तनाव उतना ज्यादा बढ़ता जा रहा है। वहीँ इस दौरान भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को रोक दिया है। वहीँ दूसरी ओर देश में हर समुदाय के लोग भारत द्वारा उठाए गए इस फैसले का समर्थन भी कर रहा है। लेकिन हैरान कर देने वाली बात ये है कि, जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने एक ऐसा बयान दे दिया है जिस पर बवाल मच गया है। आइए जान लेते हैं इस मौलाना ने ऐसा क्या कहा?
जानिए क्यों हो रहा है इस मौलाना का विरोध
दरअसल, मौलाना अरशद मदनी ने सरकार द्वारा पाक के लिए पानी रोके जाने को लेकर साफ तौर पर कहा कि, अगर कोई देश पानी रोकता है तो उसे ऐसा करने दो। ये नदियां हजारों सालों से बह रही हैं, आप उनका पानी कहां ले जाएंगे? ये आसान नहीं है। मुझे लगता है कि नियम प्यार का होना चाहिए, नफरत का नहीं. मैं मुसलमान हूं, मैं इसी देश में अपनी जिंदगी गुजार रहा हूं और मैं जानता हूं कि यहां जिन चीजों को बढ़ावा दिया जा रहा है, वो देश के लिए ठीक नहीं हैं।इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा था कि देश में ऐसा माहौल बना दिया गया है कि एक दिन ऐसा आएगा जब यहां हिंदू और मुसलमानों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा।
सड़कों पर उतरे मुसलमान
वहीँ अब मदनी के इस बयान को लेकर हिन्दू समेत हर मुस्लिम शख्स भड़का हुआ है। दरअसल, मुंबई में मुस्लिम समुदाय के कई संगठन उनके खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारियों ने मदनी पर भारत विरोधी होने का आरोप भी लगाया है। सोमवार को साकीनाका इलाके में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मदनी प्रधानमंत्री मोदी की विचारधारा का विरोध कर सकते हैं, लेकिन वह भारत का विरोध नहीं कर सकते। उन्होंने आगे कहा, ‘आतंकवादी जिस असली मकसद से आए थे, वह गृहयुद्ध शुरू करना, हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफरत फैलाना था। मौलाना मदनी को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए।