India News (इंडिया न्यूज),Varanasi:वाराणसी में रामनवमी का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया। इसी क्रम में वाराणसी से एक अनोखी तस्वीर देखने को मिली जब हिंदुओं के साथ मुस्लिम समुदाय के लोग भी रामनवमी के त्यौहार में शामिल होते दिखे। उन्होंने न सिर्फ सभी को रामनवमी की शुभकामनाएं दीं बल्कि भगवान राम की महाआरती में शामिल होकर आरती भी की। यह वक्फ संशोधन विधेयक पर बहस के बीच एकता और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देती है।
लमही गांव में आयोजित किया गया था कार्यक्रम
यह कार्यक्रम मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान द्वारा लमही गांव में आयोजित किया गया था। सजाई गई थालियाँ, रंगोली और उर्दू में लिखे श्री राम के नाम ने उनकी भक्ति को दर्शाया। यह कार्य प्रेम और एकता का प्रतीक था।
रामनवमी के त्यौहार मुस्लिम लोगों ने किया ये काम
वाराणसी के लमही में रामनवमी के त्यौहार पर आयोजित कार्यक्रम में हिंदुओं के साथ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। मुस्लिम महिलाओं ने की भगवान राम की आरती वाराणसी में रामनवमी के त्यौहार पर आयोजित कार्यक्रम में हिंदुओं के साथ बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों ने भी हिस्सा लिया।
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13 सालों से चली आ रही है परंपरा
मीडिया से बातचीत के दौरान डॉ. नजमा ने बताया कि यह परंपरा 13 सालों से चली आ रही है। भगवान राम के इस प्रमुख त्यौहार में हम सभी उत्साह के साथ हिस्सा लेते हैं। भगवान राम, लक्ष्मण जी और माता जानकी की महाआरती की जाती है। इसके अलावा हम सभी भगवान राम की स्तुति में भजन गाते हैं। भगवान राम का जीवन हमारे लिए आदर्श है और आज रामनवमी के अवसर पर हम इसके माध्यम से एकता और भाईचारे का संदेश दे रहे हैं।
वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर कही ये बात
इसके अलावा उन्होंने देश के मौजूदा हालात पर भी बात की। वक्फ संशोधन अधिनियम के बारे में शहाबुद्दीन ने कहा कि इसमें किसी भी तरह की कोई आपत्ति नहीं है। हर जमीन के साफ दस्तावेज और मालिकाने हक का सबूत होना चाहिए। सरकार द्वारा लाए गए कानून संसद में बहुमत के आधार पर बनाए गए हैं। और इसमें किसी भी तरह की कोई आपत्ति नहीं है। डॉ. नाजनीन ने कहा कि – यह विषय राजनीतिक दृष्टिकोण से चर्चा में है लेकिन हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है।
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