India News (इंडिया न्यूज),Mahakumbh:प्रयागराज में इसी महीने शुरू हो रहे महाकुंभ में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाने की कुछ संगठनों की मांग के बीच मुस्लिम धर्मगुरु इसमें मुस्लिम समुदाय की भागीदारी को लेकर एकमत नहीं हैं। महाकुंभ के आयोजन के इतिहास में शायद यह पहली बार है कि इसे लेकर मुसलमान भी चर्चा के केंद्र में हैं। मुसलमानों को महाकुंभ में न जाने की सलाह देकर चर्चा में आए ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने तीन जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में आशंका जताई थी कि महाकुंभ में सैकड़ों मुसलमानों का धर्म परिवर्तन कराने की योजना है, इसलिए सरकार को ऐसी योजनाओं को विफल करने के लिए कदम उठाने चाहिए।

पिछले साल की थी ये मांग

हालांकि, पिछले साल नवंबर में रजवी ने अखाड़ा परिषद की महाकुंभ में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि यह मांग अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। हालांकि, अब मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने अलग ही नजरिया रखा है। पीटीआई से बातचीत में रजवी ने कहा कि उन्हें विश्वसनीय सूत्रों से महाकुंभ में मुसलमानों के धर्म परिवर्तन की तैयारियों की जानकारी मिली है, इसलिए एक जागरूक नागरिक के तौर पर उन्होंने मुख्यमंत्री को इस आशंका से अवगत करा दिया है।

‘संविधान की आत्मा को कुचलने जैसा है मुसलमानों पर प्रतिबंध’

मुसलमानों को महाकुंभ में न जाने की सलाह को सही ठहराते हुए रजवी ने कहा, “अखाड़ा परिषद और नागा संन्यासियों ने बैठक कर महाकुंभ में मुसलमानों के दुकान लगाने पर रोक लगाने की बात कही थी, इसीलिए हमने मुसलमानों को किसी भी परेशानी से बचने के लिए महाकुंभ में न जाने की सलाह दी थी।” जमीयत उलमा-ए-हिंद (एएम) की उत्तर प्रदेश इकाई के कानूनी सलाहकार मौलाना कब रशीदी ने कहा कि शायद यह पहली बार है कि महाकुंभ के आयोजन से पहले मुसलमान चर्चा के केंद्र में हैं। रशीदी ने कहा, “ऐसी बातें संविधान में दिए गए अधिकारों का उल्लंघन हैं क्योंकि भारत पूरी दुनिया में धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में जाना जाता है, इसलिए महाकुंभ में मुसलमानों पर प्रतिबंध लगाने की बात करना संविधान की आत्मा को कुचलने जैसा है।”

इस्लाम इतना कमजोर धर्म नहीं है- यासूब अब्बास

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, ”अगर कोई मुसलमान अपना ज्ञान बढ़ाने के लिए कुंभ में जाता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है। इस्लाम इतना कमजोर धर्म नहीं है कि कहीं जाकर खड़े होने या मेला देखने या किसी धार्मिक स्थल पर जाने से वह खतरे में पड़ जाए।” मौलाना रजवी द्वारा कुंभ में मुसलमानों के धर्मांतरण की आशंका के बारे में पूछे जाने पर अब्बास ने कहा, ”अगर किसी की धार्मिक आस्था की नींव मजबूत है तो कोई भी उसका धर्मांतरण नहीं कर सकता।”

मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने हाल ही में कहा था कि इस बार कुंभ में आधार कार्ड के आधार पर प्रवेश दिया जाना चाहिए ताकि कोई गैर सनातनी मेला क्षेत्र में प्रवेश न कर सके।बाबा बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भी कुंभ में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। उत्तर प्रदेश हज कमेटी के चेयरमैन और पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने पीटीआई से कहा, “आपने देखा होगा कि मोहन भागवत जी का बयान आया था। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग विवाद पैदा करके नेता बनना चाहते हैं। ऐसे लोग हर जगह पाए जाते हैं। अगर चार भाई हैं, तो उनका स्वभाव एक जैसा नहीं होता। इसे कोई नहीं रोक सकता। ऐसा हमेशा से होता आया है।” रजा ने कहा, “मैं कई बार कुंभ गया हूं और कुंभ में कई मुसलमान जाते हैं। महाकुंभ की व्यवस्थाओं में मुस्लिम समुदाय के कई लोग शामिल होते हैं। महाकुंभ से मुसलमानों को बाहर रखने की मांग करना सनातनी संस्कार नहीं है। कुंभ में मुसलमानों के आने पर रोक लगाने की मांग करने वालों को इस बारे में सोचना होगा।”

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