India News (इंडिया न्यूज), Mustafabad Building Collapse: मुस्तफाबाद में बिल्डिंग गिरने से 11 लोगों की मौत चली गई। जिसके बाद पूरी दिल्ली में शोक की लहर छा गई। मुस्तफाबाद की गली नंबर दो में रविवार शाम चार एंबुलेंस में एक साथ 10 शव लाए गए। इनमें से तीन शव बच्चों के थे। इस दौरान गली में स्थानीय लोगों की भीड़ लग गई। एंबुलेंस से शव निकलते ही लोगों की आंखें नम हो गईं। सबसे पहले मकान मालिक तहसीन का शव निकाला गया, फिर उसके बेटे नाजिम, दो बहुओं चांदनी और शाहीन, पोती आफरीन, पोते अनस और आठ माह के अफ्फान तथा किराएदार दानिश, उसके भाई नवीद और एक अन्य किराएदार रेशमा का शव निकाला गया।

शव देखते ही रो पड़ी महिलाएं

शव देखते ही महिलाएं रोने लगीं। जनाजे की नमाज अदा करने के लिए मस्जिद में पर्याप्त जगह नहीं थी। ऐसा पहली बार हुआ कि ईदगाह में जनाजे की नमाज अदा की गई। जनाजे के जुलूस में करीब दो हजार लोग थे। देर शाम सभी को मुस्तफाबाद के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। लोगों ने दुकानें बंद रखीं। वहीं पड़ोसी मृतक के परिजनों को संभालने में जुटे रहे। हादसे में बचे तहसीन के बेटे चांद का रो-रोकर बुरा हाल था। तहसीन के ससुर इशाक का शव लोनी ले जाया गया। इशाक पिछले रमजान में अपनी बेटी जीनत के घर रहने आया था, हादसे में उसकी भी मौत हो गई।

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एक ही परिवार के आठ लोगों की हुई मौत

जानकारी के अनुसार, मुस्तफाबाद में बिल्डिंग गिरने से दबकर तहसीन के परिवार के आठ लोगों की मौत हो गई है। परिवार में अब उसकी पत्नी जीनत, बेटा चांद, बड़ी बहू, चार पोते और एक पोती हैं। इस हादसे के बाद पूरा इलाका ग़मों में डूबा हुआ है। एक ही परिवार के 8 लोगों की मौत पर पूरा इलाका शोक में डूबा हुआ है। विक्रेताओं को पहले ही सूचित कर दिया गया था कि वे यहां दुकानें लगाने न आएं। शवों को इसी रोड से एंबुलेंस में दयालपुर गली नंबर-2 लाया जाना था। इस वजह से बाजार नहीं लग सका।

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