India News(इंडिया न्यूज),Myanmar Refugees: म्यांमार में इन दिनों विद्रोही बलों और सत्तारूढ़ जुंटा के बीच लड़ाई तेज होने के बाद म्यांमार के 1,000 से अधिक लोगों ने मिजोरम के सीमावर्ती जिले चम्फाई में शरण ली है। जिसके बारे में जानकारी देते हुए चम्फाई के डिप्टी कमिश्नर जेम्स लालरिंचना ने कहा कि सीमा पार से लोगों का नया आगमन 17 मई को शुरू हुआ और 22 मई (बुधवार) तक बच्चों और महिलाओं सहित एक हजार से अधिक लोगों ने जिले में शरण ली थी।

कमिश्नर का बयान

वहीं लालरिंचना ने कहा कि 17 मई की आधी रात को हमारे जिले में प्रवेश करना शुरू कर दिया। उनमें से अधिकांश ने भारत-म्यांमार अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास खुआंगफा और वैखावत्लांग क्षेत्र में अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ली है। इसके साथ ही अधिकारियों ने कहा कि चिन राज्य से लगभग 600 म्यांमार शरणार्थियों ने चम्फाई जिले के वैखावत्लांग गांव में शरण ली और अन्य 200 ने उसी जिले के खुआंगफा गांव के पास के इलाके से सीमा पार की।

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इसके साथ ही लालरिंचन ने कहा कि प्रशासन को सहायता के लिए कोई अनुरोध नहीं मिला है और स्थानीय गैर सरकारी संगठन शरणार्थियों के नए बैच का समर्थन कर रहे हैं। “हमें अभी तक उनसे समर्थन के लिए कॉल नहीं मिली हैं। हमारी रिपोर्ट के अनुसार, उनमें से अधिकांश अपने रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं। कुछ आश्रय गृहों में रह रहे हैं और हम उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं, ”उन्होंने कहा।

इतने शरणार्थियों के होने का अनुमान

राज्य के 11 जिलों में 36,500 से अधिक म्यांमार शरणार्थियों के होने का अनुमान है। राज्य सरकार ने शरणार्थियों को ठहराने के लिए सात जिलों में 149 राहत शिविर बनाए हैं। वहीं मिजोरम के छह जिले, चम्फाई, सियाहा, लॉन्गत्लाई, हनाथियाल, सेरछिप और सैतुअल म्यांमार के साथ सीमा साझा करते हैं।

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मिज़ोरम म्यांमार के चिन राज्य के साथ 510 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है और मिज़ो लोग चिन समुदाय के लोगों के साथ जातीय संबंध साझा करते हैं। इन संबंधों के कारण ही चम्फाई जिले में बड़ी संख्या में लोग पिछले सप्ताह भारत और म्यांमार के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था को खत्म करने के केंद्र सरकार के कदम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।