India News (इंडिया न्यूज), Nagpur Violence Devendra Fadnavis: नागपुर में भड़की हिंसा को लेकर मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हिंसा को एक सुनियोजित साजिश करार देते हुए कहा कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से कब्र की चादर को जलाया। इसके बाद यह अफवाह फैला दी गई कि चादर पर कोई धार्मिक चिन्ह था, जिससे माहौल गरमा गया और हिंसा भड़क गई।
खास प्रतीकों वाले घरों को बनाया गया निशाना- फडणवीस
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में बयान के दौरान आगे कहा, कि छावा फिल्म ने औरंगजेब के खिलाफ लोगों के गुस्से को भड़काया है, फिर भी सभी को महाराष्ट्र में शांति बनाए रखनी चाहिए। सीएम ने कहा कि इस घटना के बाद 11 थाना क्षेत्रों के संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। हिंसा वाली जगह से पत्थरों से भरी एक ट्रॉली और कई हथियार मिले हैं। खास प्रतीकों वाले घरों को निशाना बनाया गया है। उन्हें जलाने की कोशिश की गई है। पुलिस पर हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे कहीं भी छिपे हों।
छावा ने औरंगजेब के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़काया- CM
इस मामले पर बोलते हुए सीएम ने आगे कहा कि कानून व्यवस्था को हाथ में लेने की किसी को कोई इजाजत नहीं है। पुलिस पर हमले हमारी बर्दाश्त के बाहर हैं, इनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह हिंसक घटना और दंगे पूर्व नियोजित प्रतीत होते हैं। फिल्म छावा ने औरंगजेब के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़काया है, फिर भी सभी को महाराष्ट्र में शांति बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दो लोग आईसीयू में हैं। घरों और दुकानों को चुन-चुनकर निशाना बनाया गया।
हिंसा में अब तक हुआ कितना नुकसान?
सीएम फडणवीस ने सदन को बताया कि नागपुर हिंसा में अब तक 12 दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं, एक क्रेन और दो जेसीबी समेत चार पहिया वाहन जलाए गए हैं, कई लोगों पर तलवारों से हमला किया गया है और कुल 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें तीन डीसीपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं। इसके अलावा पांच नागरिकों पर हमला किया गया, एक पुलिसकर्मी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया और अब तक पांच मामले दर्ज किए गए हैं।
ये पूरी घटना एक साजिश- शिंदे
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नागपुर हिंसा पर कहा, “कल नागपुर में जो घटना हुई, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। जो आगजनी हुई, जिसमें 2-4 हजार लोग इकट्ठा हुए और कई घरों को निशाना बनाया, पथराव किया, आगजनी की। मोमिनपुरा में, जहां 100-150 वाहन खड़े होते थे, कल वहां एक भी वाहन नहीं था। पुलिस जांच कर रही है कि क्या यह एक पूर्व नियोजित साजिश है। लोगों पर हमला किया गया, पुलिस वाहनों को भी निशाना बनाया गया। पिछले कुछ दिनों से इस राज्य में औरंगजेब का महिमामंडन क्यों किया जा रहा है, इसे किसने और किस उद्देश्य से शुरू किया? सरकार इसकी जड़ तक जाएगी। उन्होंने कहा कि अबू आजमी ने एक बार औरंगजेब की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे अच्छे प्रशासक से की थी। तब भी मैंने अबू आजमी को यह बात समझाई थी।”
छावा फिल्म शिंदे ने दे दिया बड़ा बयान?
पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि छावा का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे कहा कि धर्मवीर को लगातार प्रताड़ित करने के बाद छत्रपति संभाजी महाराज, औरंगजेब ने उनकी निर्मम हत्या की थी। यह हम सब जानते हैं। अगर हम शंभुराज का इतिहास पढ़ें और अब फिल्म छावा देखें तो असली सच्चाई क्या है, यह उसमें दिखाया गया है। शंभुराज ने छत्रपति संभाजी महाराज को लगातार चालीस दिनों तक यातनाएं दीं। उनकी जीभ काट दी गई, उनके कपड़े उतार दिए गए, गर्म तेल डाला गया। उनकी आंखों में गर्म पत्थर डाले गए। उन्होंने कहा कि ऐसी यातनाएं झेलने वाले औरंगजेब का महिमामंडन करना क्या सही है, यह मेरा सवाल है। औरंगजेब का महिमामंडन करना छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान करने जैसा है। सही मायने में यह देशद्रोह है। हम किसी समुदाय के खिलाफ नहीं हैं। एक सच्चा देशभक्त मुसलमान भी औरंगजेब का समर्थन नहीं करेगा। ऐसी उसकी क्रूरता थी। औरंगजेब महाराष्ट्र पर कलंक है।