India News (इंडिया न्यूज) Narendra Modi Podcast: अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन ने अपने तीन घंटे के पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई सवाल पूछे। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के उनके जीवन पर प्रभाव के बारे में भी पूछा, जिस पर पीएम मोदी ने विस्तार से पूरी कहानी बताई। प्रधानमंत्री ने बताया कि बचपन से ही उन्हें किसी न किसी काम में लगे रहने की आदत थी।

उन्होंने कहा, ‘मुझे याद है कि हमारे यहां सोनी जी नाम के एक व्यक्ति थे। मुझे उनका पूरा नाम ठीक से याद नहीं है। मुझे लगता है कि वे सेवा दल का हिस्सा थे। वे अपने साथ डफली जैसा एक वाद्य यंत्र रखते थे और देशभक्ति के गीत गाते थे। उनकी आवाज भी बहुत अच्छी थी। जब भी वे हमारे गांव आते थे, तो जगह-जगह कार्यक्रम होते थे। मैं उनके गीतों को सुनने के लिए पागलों की तरह उनके पीछे-पीछे घूमता रहता था। मैं पूरी रात उनके देशभक्ति के गीत सुनता था। मुझे बहुत मजा आता था। मुझे क्यों मजा आता था, मुझे नहीं पता।’

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पीएम मोदी ने RSS के प्रभाव के बारे में अपनी कहानी साझा की

पीएम ने कहा कि उनके गांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा लगती थी, खेल खेले जाते थे, देशभक्ति के गीत गाए जाते थे, जिन्हें सुनकर मन बहुत अच्छा लगता था और दिल को छू जाता था। उन्होंने कहा, ‘ऐसे ही मैं संघ में आ गया. संघ के संस्कार मुझे मिले- ‘कुछ भी सोचो और करो, इतना पढ़ो तो सोचो कि मैं देश के काम आऊं, ऐसा व्यायाम करो कि देश के काम आए।’

‘आरएसएस से बड़ा कोई स्वयंसेवक संघ दुनिया में नहीं’

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष संघ की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ है। दुनिया में आरएसएस से बड़ा कोई स्वयंसेवक संघ नहीं है। करोड़ों लोग इससे जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘संघ को समझना इतना आसान नहीं है, इसके काम को समझने की कोशिश करनी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि संघ जीवन को एक उद्देश्य, एक दिशा देता है। देश ही सब कुछ है और जनसेवा ही ईश्वर की सेवा है – जो शास्त्रों में कहा गया है, जो स्वामी विवेकानंद ने कहा है, वही संघ भी कहता है। कुछ स्वयंसेवकों ने मिलकर सेवा भारती नाम से एक संगठन बनाया। यह सेवा भारती झुग्गी-झोपड़ियों और बस्तियों में सेवा प्रदान करती है, जहाँ सबसे गरीब लोग रहते हैं। वे समय देते हैं, बच्चों को पढ़ाते हैं, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं और समाज की मदद से सफाई का काम करते हैं, वो भी बिना किसी सरकारी मदद के।

‘वे जंगलों में रहते हैं और आदिवासियों की सेवा करते हैं’

पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने कहा कि संघ वनवासी कल्याण आश्रम चलाता है। वे जंगलों में रहते हैं और आदिवासियों की सेवा करते हैं। वे 70 हजार से ज्यादा एकल विद्यालय चलाते हैं। अमेरिका में कुछ लोग हैं जो इस काम के लिए 10 से 15 डॉलर दान करते हैं। कोका-कोला न पीएं और वह पैसा एकल विद्यालय को दे दें। और वे कहते हैं, ‘इस महीने कोका-कोला छोड़ दो।’ कोका-कोला न पीएं और वह पैसा एकल विद्यालय को दे दें। अब कल्पना कीजिए कि 70,000 एकल शिक्षक विद्यालय आदिवासी बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। कुछ स्वयंसेवकों ने शिक्षा में क्रांति लाने के लिए विद्या भारती की स्थापना की है। आज वे लगभग 25,000 विद्यालय चलाते हैं जिनमें लगभग 30 लाख छात्र शिक्षा प्राप्त करते हैं और मेरा मानना ​​है कि इस पहल से करोड़ों छात्रों को लाभ हुआ है, वे बेहद कम खर्च में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

मोदी ने बताईं ‘संघ’ की खूबियां

पीएम मोदी ने कहा कि RSS महिलाओं, युवाओं, मजदूरों से जुड़ा हुआ है। भारतीय मजदूर संघ एक बहुत बड़ा संगठन है। इसमें 55 हजार यूनियन हैं। करोड़ों सदस्य हैं। वामपंथियों द्वारा चलाया जाने वाला मजदूर आंदोलन नारा लगाता है ‘दुनिया के मजदूरों, एक हो!’ जबकि संघ का मजदूर संगठन नारा लगाता है ‘मजदूरों, दुनिया एक हो!’ उन्होंने कहा कि 100 वर्षों में आरएसएस ग्लैमर से दूर एक साधक की तरह समर्पित होकर काम कर रहा है। ऐसे पवित्र संगठन से उन्हें जीवन के मूल्य और उद्देश्य मिले।

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