India News (इंडिया न्यूज), National Unity Day: आजाद भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज यानी 31 अक्तूबर को जयंती मनाई जाती है। इस दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर पूरे देश में मनाया जाता है। सरदार पटेल का देश की आजादी में विशेष रूप से योगदान रहा है। स्वतंत्रता के बाद छोटी-बड़ी रियासतों को जोड़कर भारत के अधीन लाने का पूरा श्रेय सरदार वल्लभ पटेल को ही जाता है।
देशी रियासतों को एकसूत्र में बांधा
आजादी के समय भारत में छोटे-छोटे 562 देसी रियासतों में बंटा था, जिन्हें विलय करना बहुत ही मुश्किल था। सरदार पटेल के लिए यह बड़ी चुनौती थी, लेकिन उन्होंने अपनी बुद्धि व अनुभव से सभी को एकता के सूत्र में बांध दिया। इसी विशेष योगदान के लिए उनकी जयंती को एकता दिवस के रूप पर मनाते हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन हर युवा के लिए प्रेरणादायी है। तो चलिए जानते हैं सरदार वल्लभ भाई पटेल के कुछ अनमोल विचार, जो आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण और एकता के सूत्र में बंधने का कार्य करता है।
सरदार वल्लभ भाई पटेल कहते हैं कि,”आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए।”
“जब जनता एक हो जाती है, तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक सकता। अतः जात-पात और ऊंच-नीच के भेदभाव को भुलाकर सब एक हो जाइए।”
“हर नागरिक की यह मुख्य जिम्मेदीरी है कि वह महसूस करे कि उसका देश स्वतंत्र है और देश स्वतंत्रता की रक्षा करना उसका कर्तव्य है।”
“मनुष्य को ठंडा रहना चाहिए, क्रोध नहीं करना चाहिए। लोहा भले ही गर्म हो जाए, हथौड़े को तो ठंडा ही रहना चाहिए अन्यथा वह स्वयं अपना हत्था जला डालेगा।”
“आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिए और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिए।”
“मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ भूखा ना रहे।”
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