India News (इंडिया न्यूज), Naxalite Prayag Manjhi : सुरक्षाबलों को नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में अब तक की सबसे बड़ी सफलता मिली है। सोमवार की अहले सुबह ललपनिया लुगु बुरु पहाड़ की तलहटी में हुई एक बड़ी मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सली प्रयाग मांझी उर्फ ​​विवेक दा को मार गिराया है। इस मुठभेड़ में मांझी समेत कुल 8 नक्सली मारे गए हैं।

जानकारी के मुताबिक मारे गए नक्सलियों में से एक पर सरकार ने 25 लाख रुपये और दूसरे पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। आपको बता दें कि वह भारत के इतिहास का सबसे वांछित नक्सली था, जिसके सिर पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था।

आतंक का पर्याय था प्रयाग मांझी

सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया केंद्रीय कमेटी का सदस्य प्रयाग मांझी एक करोड़ रुपये का इनामी नक्सली था, जो लंबे समय से आतंक का पर्याय बना हुआ था। 80 के दशक में नक्सलवाद में कदम रखने वाला प्रयाग मांझी उर्फ ​​विवेक मूल रूप से धनबाद जिले के टुंडी थाना क्षेत्र के दलबुढ़ा गांव का रहने वाला था।

इसके अलावा 25 लाख रुपये का इनामी अरविंद यादव और 10 लाख रुपये का इनामी राहुल मांझी भी इस मुठभेड़ में मारा गया है। वहीं, मारे गए बाकी नक्सलियों की पहचान महेश मांझी उर्फ ​​मोटा, तालु, राजू मांझी, गंगाराम और महेश के रूप में हुई है।

60 से अधिक मामले दर्ज

प्रयाग उर्फ ​​विवेक दा न सिर्फ पारसनाथ और झुमरा पहाड़ी में सक्रिय था, बल्कि उसका नेटवर्क छत्तीसगढ़, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी फैला हुआ था। विवेक के खिलाफ अकेले गिरिडीह, बोकारो, चाईबासा और धनबाद जिले में 60 से अधिक मामले दर्ज हैं। भाकपा माओवादी संगठन के केंद्रीय कमेटी के सदस्य प्रयाग मांझी उर्फ ​​विवेक दा को वर्ष 2023 में पारसनाथ और झुमरा पहाड़ी की कमान सौंपी गई थी।

पोलित ब्यूरो सदस्य और एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सली प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद मिसिर बेसरा ने पारसनाथ की कमान संभाली थी। हालांकि बाद में मिसिर बेसरा ने यह जिम्मेदारी विवेक दा को सौंप दी थी। इन नक्सलियों के पास एके 47 और इंसास समेत कई हथियार भी थे।

मुस्तफाबाद बिल्डिंग हादसे में एक ही परिवार के 8 लोगों की चली गई जान, दर्दनाक कहानी सुन दहाड़े मारकर रोने लगेंगे आप

बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पर SC में याचिका दाखिल, सुनवाई करते हुए जस्टिस गवई ने की ऐसी टिप्पणी, सुन सभी रह गए सन्न