NCERT Guidelines: जेंडर न्यूट्रैलिटी पिछले कुछ सालों से दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच राष्ट्रीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद यानी कि NCERT ने इस दिशा में अपने कदम बढ़ाए हैं। NCERT ने ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स को लेकर देशभर के स्कूलों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। ये नई गाइडलाइन ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स को स्कूल में होने वाली समस्यायों पर केंद्रित है। अपनी नई गाइडलाइन में एनसीईआरटी ने ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स को कई तरह से सहूलियत देने की बात की है।

NCPCR की आपत्ति के बाद नई गाइडलाइन जारी

NCERT ने स्कूली छात्रों के लिए नया मसौदा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग यानी कि NCPCR की आपत्ति के बाद नई गाइडलाइन जारी की है। जिसमें NCERT ने ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को रेगुलर वर्कशॉप, आउटरीच प्रोग्राम और जेंडर न्यूट्रल यूनिफॉर्म रखने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही पाठ्यक्रमों में कई नए टॉपिक्स जोड़कर जाति और पितृसत्तात्मकता व्यवस्था पर भी जोर न देने को कहा है।

खास टॉयलेट की हो सुविधा- NCERT

इसके साथ ही NCERT ने अपनी नई गाइडलाइन में टॉयलेट के मुद्दे को लेकर स्पष्ट रुप से कहा है कि, ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स के लिए खास तरह के टॉयलेट होने चाहिए। विभाग ने कहा कि अगर किसी स्कूल में विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए टॉयलेट हैं तो इसका इस्तेमाल भी ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स कर सकते हैं।

क्या है जेंडर न्यूट्रल यूनिफॉर्म से NCERT का मतलब?

दरअसल, जेंडर न्यूट्रल यूनिफॉर्म हर छात्र के लिए एक जैसी होती है। यह यूनिफॉर्म लड़के, लड़कियों और ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स के बीच के अंतर को खत्म करने का काम करेगी। NCERT ने अपनी नई गाइडलाइन जारी कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि सभी इंसान एक समान हैं। आपको बता दें कि देश में पहली बार केरल के कोझिकोड़ में साल 2020 में जेंडर न्यूट्रल यूनिफॉर्म सिस्टम को लागू किया गया था।

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