India News (इंडिया न्यूज़), NCR Crime News: देश आये दिन हत्या का मामला सामने आता रहता है और आरोपी क्राइम कर के फरार होने की सोच लेते हैं लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि कानून के हांथ लंबे होते हैं ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां 20 साल पहले दिल्ली के एक अनाज व्यापारी के अपहरण और हत्या में शामिल था। जिसे मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने उन्हें उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी सिपाही है और वह अपनी पहचान बदलकर यूपी के मैनपुरी में छोले भटूरे बेचता था। पुलिस ने आरोपी को वहां से गिरफ्तार कर लिया है।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि, इस घटना में एक पुलिसकर्मी शामिल था, जिसने अपनी तैनाती के दौरान दिल्ली के एक व्यापारी पर अत्याचार किया और उसकी चाकू मारकर हत्या कर दी। यह घटना 31 अक्टूबर 2004 की है। 2004 में करवा चौथ के दिन शकरपुर निवासी रमेश चंद गुप्ता किसी काम से अपनी कार में घर से निकले, लेकिन वापस नहीं लौटे। घटना के दिन करवा चौथ था।

परिवार ने कराई थी एफआईआर दर्ज

डीसीपी ने कहा, उनके परिवार के सदस्यों ने उनके मोबाइल फोन पर कई बार कॉल किया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। उनके भाई जगदीश कुमार ने भी शालीमार बाग थाने में अपहरण की शिकायत दर्ज करायी थी. भाई जगदीश ने उन लोगों के बारे में भी बताया जिन पर उसे शक था. जगदीश ने स्थानीय फल और सब्जी व्यापारी मुकेश वत्स का नाम लिया, जो गुप्ता के लापता होने के पीछे हो सकता है। इस बीच, एक टीम ने मुकेश वत्स को गिरफ्तार कर लिया, जिसने अपराध में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली। वत्स ने पुलिस को बताया कि उसने अपने साथियों सिपाही लाल, शरीफ खान, कमलेश और राजेश के साथ मिलकर फिरौती के लिए रमेश गुप्ता का अपहरण कर लिया था। वत्स आजादपुर मंडी में सब्जी व्यापारी थे।

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हत्या के बाद शव को फेंका नाले में

मामले को लेकर पुलिस अधिकारी ने बताया कि, करवा चौथ के दिन उसने गुप्ता को मिलने के लिए बुलाया और कराला गांव के एक कमरे में ले गया। कमरे में सभी ने उसके चेहरे पर रंग छिड़क कर उसे प्रताड़ित किया। जब गुप्ता बेहोश हो गया तो उस पर चाकू से कई वार किए। उसकी मौत के बाद उन्होंने उसके शव को बोरे में भरकर कराला गांव के नाले में फेंक दिया। पुलिस ने आगे बताया कि मुकेश, शरीफ खान और कमलेश को कराला गांव से गिरफ्तार किया गया है। जांच के बाद मुकेश वत्स, शरीफ खान और कमलेश के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया और शहर की अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सिपाही लाल की किस्मत तब चमक गई जब एक पुलिसकर्मी को उसके बदले हुए नाम से यूपी में सक्रिय होने की जानकारी मिली।

पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार

अधिकारी ने आगे कहा कि, हमारी टीमें आरोपी का पता लगाने के लिए काम कर रही थीं और हमारे एक पुलिसकर्मी, एएसआई सोनू नैन को गुप्त सूचना मिली कि आरोपी कांस्टेबल लाल, मैनपुरी में कहीं छिपा हुआ है। पुलिस को पता चला कि सिपाही लाल मैनपुरी के रामलीला मैदान में दुकान लगाकर छोले-भटूरे बेचता है। उसकी गतिविधियों का पता लगाने के लिए एएसआई नैन ने भी उसी इलाके में आम बेचना शुरू कर दिया और दो दिन बाद पकड़ा गया।

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