India News (इंडिया न्यूज), One Nation One Election: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वन नेशन वन इलेक्शन को मंजूरी दे दी है। ऐसी खबर आ रही है कि, इसी सत्र में इस बिल को पेश किया जा सकता है। इस मामले में विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ नेताओं ने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों की ओर इशारा किया, अन्य ने एक साथ चुनाव कराने के पीछे की मंशा पर सवाल उठाया और कहा कि विधेयक पर बड़े पैमाने पर विचार-विमर्श की आवश्यकता है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधेयक को एक “कठोर” उपाय बताया जो “क्षेत्रीय पार्टियों की आवाजों को मिटा देगा, संघवाद को नष्ट कर देगा और शासन को बाधित करेगा।” उन्होंने लोगों से “भारतीय लोकतंत्र पर इस हमले का पूरी ताकत से विरोध करने” का आग्रह किया।
केजरीवाल ने कही ये बात
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने “गलत प्राथमिकताओं” को लेकर भाजपा की आलोचना करते हुए कहा, “देश को एक राष्ट्र, एक शिक्षा और एक राष्ट्र, एक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की आवश्यकता है। एक राष्ट्र, एक चुनाव की नहीं।” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस कदम की निंदा करते हुए इसे “असंवैधानिक” और “अधिनायकवादी थोपना” बताया। उन्होंने कहा, “यह कोई सोच-समझकर किया गया सुधार नहीं है। यह भारत के लोकतंत्र और संघीय ढांचे को कमजोर करने का प्रयास है। बंगाल कभी भी दिल्ली की तानाशाही सनक के आगे नहीं झुकेगा।”
पंजाब के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की आलोचना की
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने गुरुवार (12 दिसंबर, 2024) को सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि “एक राष्ट्र, एक चुनाव” पर विचार करने से पहले “एक राष्ट्र, एक शिक्षा” और “एक राष्ट्र, एक स्वास्थ्य सेवा” पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए मान ने इसे अजीब बताया कि सरकार ने पूरे देश को लाभ पहुंचाने वाली पहलों पर चुनाव सुधारों को प्राथमिकता दी।