NEET PG 2021: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। मामला नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट पीजी सुपर स्पेशियलिटी (NEET PG) का सिलेबस अंतिम समय में बदलने का है। कोर्ट ने सरकार से संबंधित अफसरों की मीटिंग बुलाने का निर्देश दिया। साथ ही 4 अक्टूबर को जवाब दाखिल करने को कहा है।

सत्ता के खेल में युवा डॉक्टरों को फुटबॉल मत बनाइए (NEET PG 2021)

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि सत्ता के खेल में युवा डॉक्टरों को फुटबॉल मत बनाइए। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने केंद्र को फटकार लगाते हुए सख्त लहजे में कहा कि सत्ता के खेल में युवा डॉक्टरों को फुटबॉल मत समझें।

अगले साल से बदलाव क्यों नहीं करते (NEET PG 2021)

जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा कि अगले साल से बदलाव क्यों नहीं करते? जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार ने कहा, ‘युवा डॉक्टरों के साथ संवेदनशीलता से पेश आएं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग क्या कर रहा है? आप नोटिस जारी करते हैं और फिर पैटर्न बदल देते हैं? स्टूडेंट्स सुपर स्पेशियलिटी कोर्स की तैयारी महीनों पहले से शुरू कर देते हैं। एग्जाम से पहले अंतिम मिनटों को बदलने की जरूरत क्यों है? आप अगले साल से बदलाव के साथ आगे क्यों नहीं बढ़ सकते?’

NEET PG 2021 क्या है पैटर्न बदलने का विवाद?

स्टूडेंट्स ने दावा किया है कि 2018 में पैटर्न सामान्य चिकित्सा से 40% और सुपर स्पेशियलिटी से 60% प्रश्न का था, जबकि इस बार अंतिम समय में बदलाव कर दिया गया। इसमें सामान्य चिकित्सा से 100% प्रश्न पूछे गए थे। स्टूडेंट्स का दावा है कि सरकार ने (NEET PG) सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा 2021 का सिलेबस परीक्षा के 2 महीने पहले बदल दिया था। इसके विरोध में 41 पीजी क्वालिफाइड डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी।

NEET PG 2021 20 सितंबर को जारी किया था नोटिस

20 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) PG सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा -2021 के पाठ्यक्रम में अंतिम समय में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE), राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था।

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