India News(इंडिया न्यूज), NEET UG Admission: नीट परीक्षा का स्कैम पूरी दुनिया के सामने आ चुका है और इससे शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। आपको बता दें कि इस बार कुछ विद्यार्थियों ने पूरे अंक लाकर टॉप किया है जो कि एक स्कैम के जरिए हआ है। ऐसे में बच्चों के मन में एक सवाल गूंज रहा है कि उन्हें 600 तक अंक लाने पर एडमिशन मिल भी पाएगा या नहीं। आइए इस खबर में हम आपको बतात हैं कि आपको सीट मिलने की कितनी संभावनाएं हैं।
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नीट परीक्षा स्कैम
हमारे देश में कई ऐसे राज्य हैं जहां 600 के आसपास के स्कोर पर बच्चों को अच्छा सरकारी मेडिकल कॉलेज मिल जाता है। नीट परीक्षा 720 अंकों की होती है और इस साल बंपर रिजल्ट आया है। इस साल 60 से ज्यादा बच्चों ने 720 में से 720 अंक हासिल किए हैं। ऐसे में ओवरऑल कटऑफ काफी ज्यादा रहने की संभावना है।
600 नंबर पर भी हो सकता है एडमिशन
खैर, हम जिस राज्य की बात कर रहे हैं, वह लगभग हर मामले में उत्तर भारत के बिहार-यूपी से काफी आगे है। हम बात कर रहे हैं तमिलनाडु की। इस राज्य की आबादी करीब 8.4 करोड़ है। वहीं बिहार की जनसंख्या 13.10 करोड़ है और उत्तर प्रदेश की करीब 24.14 करोड़। यानी तमिलनाडु की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की एक तिहाई है। लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि इस राज्य में 26 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें करीब 3500 एमबीबीएस सीटें हैं। वहीं, बिहार की बात करें तो यहां सिर्फ 10 मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें सिर्फ 1240 एमबीबीएस सीटें हैं। यानी, जहां तमिलनाडु में 24000 की आबादी पर एक एमबीबीएस सीट है, वहीं बिहार में 1 लाख 5 हजार की आबादी पर एक एमबीबीएस सीट है।
जानें नियम
इस तरह दोनों राज्यों के बच्चों के बीच प्रतिस्पर्धा में चार गुना से भी ज्यादा का अंतर है। नीट के जरिए एडमिशन में नियम यह है कि मेडिकल कॉलेजों में 85 फीसदी सीटें गृह राज्य के छात्रों के लिए आरक्षित होती हैं। सिर्फ 15 फीसदी सीटें ही ऑल इंडिया कोटे के तहत आती हैं। ऐसे में तमिलनाडु के कई सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 580 तक के स्कोर पर बच्चों को एमबीबीएस मिल जाता है, जबकि बिहार और यूपी में यह स्कोर 650 के आसपास हो जाता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हिसाब से परीक्षाएं दोबारा कराए जाने का ऐलान हुआ है।