India News (इंडिया न्यूज़), New Parliament Building, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 28 मई को देश की नई संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। जिसे लेकर विपक्षी पार्टियां इस समारोह का लगातार विरोध कर रही हैं। उनके विरोध को लेकर अब पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने विपक्ष के इस रुख की कड़ी आलोचना की है।

“अगर दिल्ली में होता तो उद्घाटन में जरूर शामिल होता”

गुलाम नबी आजाद ने कहा, “मुझे समझ में नहीं आता है कि आखिर क्यों विपक्षी पार्टियां चिल्ला रही हैं। जबकि उनको तो खुश होना चाहिए कि देश को नई संसद मिल रही है। अगर मैं दिल्ली में होता तो नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में जरूर शामिल होता। विपक्ष को रिकॉर्ड समय में नई संसद बनाने के लिए सरकार की प्रशंसा करनी चाहिए, जबकि वे सरकार की आलोचना कर रहे हैं। मैं विपक्ष द्वारा इसका बहिष्कार करने के सख्त खिलाफ हूं।”

“मैंने तात्कालीन पीएम से नई संसद बनाने को चर्चा की थी”

उन्होंने कहा, “जब वह नरसिम्हा राव की सरकार में केंद्रीय संसदीय मंत्री थे तब उन्होंने नई संसद के निर्माण का सपना देखा था। मैंने तात्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव से नई संसद बनाने के बारे में चर्चा की थी। बल्कि एक नक्शा भी बनाया था लेकिन हम तब बना नहीं पाए थे।”

विपक्ष को राष्ट्रपति से इतना ही प्रेम था तो…’

पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा, “देश की आजादी के बाद, देश की आबादी 5 गुना अधिक बढ़ गई है। उसी हिसाब से प्रतिनिधियों की संख्या भी बढ़ी है। इसलिए नई संसद भवन बननी ही बननी थी। मैं नई संसद के उद्घाटन के बेवजह विवाद के खिलाफ हूं। विपक्ष के पास मुद्दों की कमी नहीं है वह गलत मुद्दे उठा रहा है और अगर विपक्ष को राष्ट्रपति से इतना ही प्रेम था तो उसने उनके खिलाफ कैंडिडेट क्यों खड़ा किया था।”

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