India News (इंडिया न्यूज), NGT on Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 शुरू होने से पहले ही एनजीटी की चेतावनी आ गई है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कहा है कि अगर प्रयागराज में गंगा नदी में सीवेज का प्रवाह रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो महाकुंभ मेले में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा। बता दें कि, चालीस दिवसीय महाकुंभ मेले में दुनिया भर से लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इसकी शुरुआत 14 जनवरी को मकर संक्रांति स्नान से होगी और समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि स्नान के साथ होगा।
गंगा नदी में 50 नालों से गिर रहा है सीवेज
बता दें कि, NGT एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। जिसमें दावा किया गया था कि शहर के रसूलाबाद से संगम यानी गंगा-यमुना संगम तक आठ किलोमीटर के क्षेत्र में 50 नालों से सीवेज गंगा नदी में गिर रहा है। एनजीटी ने इस साल सितंबर में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। इसे 23 नवंबर तक निवारक उपायों के बारे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने 29 नवंबर के अपने आदेश में कहा कि उच्च स्तरीय समिति ने ऐसी कोई रिपोर्ट दाखिल नहीं की है और न ही उसे समय बढ़ाने या रिपोर्ट दाखिल करने का कोई लिखित अनुरोध प्राप्त हुआ है।
भुगतना पड़ेगा खामियाजा
दरअसल, पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल हैं। एनजीटी ने कहा कि यह मुद्दा कुंभ मेला शुरू होने से पहले गंगा नदी में अनुपचारित सीवेज के प्रवाह को रोकने से जुड़ा है। मेले में करोड़ों लोग आएंगे और अगर नदी में अनुपचारित सीवेज के प्रवाह को रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया तो उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा। पीठ ने आगे कहा कि राज्य के वकील के अनुरोध पर विचार करते हुए रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाता है। मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी।
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