India News (इंडिया न्यूज), Nishikant Dubey Statement Row: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना को लेकर दिए गए विवादित बयान पर अब कानूनी कार्रवाई की मांग हो रही है। सुप्रीम कोर्ट के एक एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड ने अटॉर्नी जनरल (एजी) को पत्र लिखकर ‘अवमानना कार्यवाही’ शुरू करने की अनुमति मांगी है। कानून के मुताबिक, न्यायालय की अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 15 (बी) के तहत किसी व्यक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना कार्यवाही तभी शुरू की जा सकती है, जब अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल इसके लिए अनुमति दें।
निशिकांत दुबे ने क्या कहा था?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार (19 अप्रैल, 2025) को सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ विवादित बयान दिया था, जिसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग हो रही है। सांसद के इस बयान के बाद कई विपक्षी नेताओं ने भी भाजपा को घेरा है। हालांकि, भाजपा ने इस बयान से खुद को अलग करते हुए कहा है कि यह सांसद की निजी राय है।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कल सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को लेकर विवादित बयान दिया, जिसके बाद विपक्षी दलों ने उन पर जमकर निशाना साधा है। निशिकांत दुबे ने कहा कि देश में बढ़ते धार्मिक तनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोर्ट अपनी हदें पार कर रहा है और अगर हर मुद्दे का समाधान सुप्रीम कोर्ट से ही होगा तो संसद और विधानसभाओं का कोई औचित्य नहीं रह जाता। उन्होंने सीधे तौर पर चीफ जस्टिस पर भी आरोप लगाया।
निशिकांत दुबे ने चीफ जस्टिस पर लगाया था ये आरोप
निशिकांत दुबे ने चीफ जस्टिस संजीव खन्ना पर आरोप लगाते हुए कहा, “देश में जो भी गृहयुद्ध जैसे हालात बन रहे हैं, उसके लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना ही पूरी तरह जिम्मेदार हैं।”
बीजेपी ने किया किनारा
सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस पर विवादित बयान देने वाले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का अब अपनी ही पार्टी से समर्थन खत्म हो गया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा कि पार्टी इन बयानों से सहमत नहीं है। जेपी नड्डा ने कहा, “सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा ने न्यायपालिका और मुख्य न्यायाधीश के बारे में जो कुछ भी कहा है, वह उनके निजी विचार हैं। भारतीय जनता पार्टी का इन बयानों से कोई लेना-देना नहीं है।”