India News (इंडिया न्यूज), Nishikant Dubey On Indira Gandhi : ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश में ही देश में राजनीति हो रही है। विपक्ष खासकर के कांग्रेस की तरफ से इस ऑपरेशन को लेकर सरकार से सवाल पूछे जा रहे हैं। जब कि सेना की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सारी जरूरी जानकारी दी जा चुकी है। इसके बाद भी राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई नेता इस पर सवाल उठा रहे हैं। हर बार की तरह इस बार भी कांग्रेस को देश की सेना पर भरोसा नहीं है।
कांग्रेस की तरफ से बार-बार 1971 के युद्ध का जिक्र हो रहा है और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के फैसलों से उनकी तुलना कर रही है। अब इसको लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर निशाना साधा है और इंदिरा गांधी के फैसले पर सवाल उठाए हैं।
बीजेपी सांसद ने क्या कुछ कहा ?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में निशिकांत दुबे ने कहा, ‘आयरन लेडी इंदिरा जी…क्या आपको पता है कि 1971 के युद्ध के बाद उन्होंने तत्कालीन सेना प्रमुख सैम मानेकशॉ की लोकप्रियता से डरकर 1973 में सेना की वन रैंक वन पेंशन बंद कर दी थी।
यहां तक कि युद्ध के नायक जनरल सैम मानेकशॉ को 1973 में फील्ड मार्शल बनाने के बाद भी उन्हें पेंशन, कार और दूसरी सुविधाएं देना बंद कर दिया, एक फील्ड मार्शल को ये सुविधाएं आजीवन दी जाती हैं। राष्ट्रपति कलाम साहब ने उन्हें 34 साल बाद 2007 में ये सम्मान दिया। क्या होगा अगर सत्ता में रहने का ये डर और काम इंदिरा गांधी को आयरन लेडी बना दे?
इंदिरा गांधी के नेतृत्व पर उठाए थे सवाल
जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले भी भाजपा सांसद ने इंदिरा गांधी के एक फैसले को लेकर पोस्ट किया था और कहा था कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व में ही भारत ने 1968 में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के लिए सहमति जताई थी, जिसके चलते देश को आखिरकार कच्छ के रण का 828 वर्ग किलोमीटर इलाका पाकिस्तान को सौंपना पड़ा था।
सांसद ने आगे कहा, ‘आज की कहानी बहुत दर्दनाक है। कांग्रेस। 1965 के युद्ध में जीत के बाद पार्टी ने 1968 में गुजरात के कच्छ के रण का 828 वर्ग किलोमीटर इलाका पाकिस्तान को सौंप दिया। हम भारत-पाकिस्तान मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लेकर आए, यूगोस्लाविया के वकील अली बाबर को मध्यस्थ नियुक्त किया।
पूरी संसद ने इसका विरोध किया, लेकिन इंदिरा गांधी आयरन लेडी थीं, उन्होंने डर के मारे हमारा हिस्सा नीलाम कर दिया। आयरन लेडी की यही सच्चाई है। कांग्रेस का हाथ हमेशा पाकिस्तान के साथ रहता है।’ इंडिया न्यूज निशिकांत दुबे द्वारा किए गए दावों की पुष्टि नहीं करता है।
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