India News (इंडिया न्यूज),  Nitish Kumar: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश में सरकार बनाने जा रहे हैं।मोदी सरकार 3.0 के गठन में नीतीश कुमार की जनता दल-यू और चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाली तेलुगू देशम पार्टी-टीडीपी की बड़ी भूमिका है। इनमें भी नीतीश कुमार को लेकर राजनीतिक गलियारों में तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं। क्योंकि नीतीश कुमार के अब तक के रिकॉर्ड को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि वह कब अपना दल बदल लेंगे।

बढ़ा नीतीश कुमार का भाव

नीतीश कुमार की जनता दल-यू Janata Dal (United)ने इस चुनाव में 12 सीटें जीती हैं और टीडीपी ने 16 सीटें हैं । स्थिर सरकार चलाने के लिए बीजेपी को इन दोनों पार्टियों के समर्थन की जरूरत होगी। यही वजह है कि नई सरकार में नीतीश कुमार की मांग लगातार बढ़ रही है।

नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी के सामने रखीं ये शर्तें

राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि नई सरकार के गठन पर नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी के सामने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के साथ-साथ चार सांसदों पर एक मंत्रालय देने की शर्त रखी है। जेडीयू के पास 12 सांसद हैं, इस हिसाब से जेडीयू 3 मंत्रालय चाहती है। और इनमें से नीतीश कुमार रेलवे, कृषि और वित्त मंत्रालय चाहते हैं।

नीतीश कुमार का यह किस्सा जान आप भी रह जाएंगे हैरान

नीतीश कुमार जो ठान लेते हैं, उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। ऐसा ही एक वाकया 2009 का है, जब नीतीश कुमार फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ देखना चाहते थे। सिनेमा हॉल जाने का कोई साधन न होने के कारण वह साइकिल रिक्शा चलाकर फिल्म देखने चले गए। इतना ही नहीं, नीतीश कुमार को फिल्म इतनी पसंद आई कि उन्होंने अपने सभी दोस्तों से इसे देखने की अपील भी की। फिर क्या… नीतीश के इस कदम से फ्लॉप फिल्म अचानक हिट हो गई।

नीतीश कुमार के फिल्म देखने की घटना का जिक्र ‘नीतीश कुमार: एक अंतरंग मित्र की नजर से’ किताब में किया गया है। यह किताब उनके मित्र उदय कांत ने लिखी है।

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किताब में बताया गया है कि चुनाव आयोग ने 2 मार्च 2009 को 15वीं लोकसभा चुनाव (16 अप्रैल से 13 मई) की तारीखों की घोषणा की। उन दिनों पटना के एक सिनेमा हॉल में ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ फिल्म चल रही थी। इस फिल्म ने आठ ऑस्कर जीते थे। नीतीश कुमार इस फिल्म को देखने के लिए काफी उत्सुक थे।

चुनाव की तारीख घोषित होते ही आचार संहिता लागू हो गई। वे निजी काम के लिए सरकारी वाहन का इस्तेमाल नहीं कर सकते थे। नीतीश कुमार के पास कोई दूसरा वाहन उपलब्ध नहीं था। उन्होंने इस फिल्म के बारे में इतनी अच्छी बातें सुन रखी थीं कि उन्होंने इसे किसी भी कीमत पर देखने का फैसला कर लिया।

जब उनका मन हुआ तो वे 5 मार्च को साइकिल रिक्शा पर सवार होकर फिल्म देखने चले गए। लौटते समय उन्होंने रसमंजरिया पार्टी को फोन करके बताया कि उन्हें फिल्म काफी पसंद आई है और सभी को इसे देखने की सलाह भी दी।

कुछ लोगों ने नीतीश कुमार के रिक्शे पर फिल्म देखने जाने को पब्लिसिटी स्टंट बताया। नीतीश को क्या पब्लिसिटी मिलने वाली थी, लेकिन नीतीश की तारीफ के बाद तो जैसे इस फिल्म को पंख लग गए जो शुरुआत में फ्लॉप थी और वही फिल्म जो पहले फ्लॉप थी, पटना में हिट हो गई!