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खतरे में महागठबंधन! फिर होगा दल बदल, आखिर बिहार में किस करवट बैठेगा नीतीश कुमार का ऊंट?

Nitish Kumar: बिहार में जेडीयू से लेकर आरजेडी और बीजेपी खेमे तक सभी अलग-अलग बैठकें कर रहे हैं। दिल्ली से लेकर पटना तक नेता जुटे हुए हैं। कहा जा रहा है कि जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार महागठबंधन छोड़ने के मूड में हैं और बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए में वापस आ सकते हैं।

BY: Deepak Vikal • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), Nitish Kumar: बिहार में जेडीयू से लेकर आरजेडी और बीजेपी खेमे तक सभी अलग-अलग बैठकें कर रहे हैं। दिल्ली से लेकर पटना तक नेता जुटे हुए हैं। कहा जा रहा है कि जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार महागठबंधन छोड़ने के मूड में हैं और बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए में वापस आ सकते हैं। इसके पीछे वजहें भी बताई जा रही हैं। हालांकि आरजेडी खेमा मनाने में जुटा हुआ है। आखिरी फैसला सरप्राइज देने वाले नेता नीतीश कुमार को लेना है। नीतीश आज दोपहर तक अपने फैसले का ऐलान कर सकते हैं।

बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल की खबरें एक हफ्ते से चल रही थीं। लेकिन, जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती से एक दिन पहले बीजेपी ने मास्टर स्ट्रोक खेला और बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल शुरू हो गई। बीजेपी ने दिग्गज समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया है। इसके बाद श्रेय लेने की राजनीति शुरू हो गई और बीजेपी, आरजेडी और जेडीयू तीनों ही पार्टियों के नेता आपस में भिड़ गए। ‘नीतीश ने भाई-भतीजावाद पर हमला किया तो माहौल गरमा गया’

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Nitish Kumar

अगले दिन जब जेडीयू ने कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती पर अलग से कार्यक्रम आयोजित किया तो उन्होंने भाई-भतीजावाद पर सीधा हमला बोला। नीतीश ने कहा कि जिस तरह कर्पूरी ठाकुर ने अपने परिवार को राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया, उसी तरह हम भी अपने परिवार को राजनीति से दूर रखते हैं। जबकि कुछ लोग अपने परिवार को ही आगे बढ़ाने में लगे हैं। नीतीश का यह हमला खास तौर पर आरजेडी में लालू परिवार और कांग्रेस में गांधी परिवार से जोड़कर देखा गया।

‘दिल्ली से पटना तक ताबड़तोड़ बैठकें’

फिर क्या था। लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने बिना नाम लिए नीतीश पर पलटवार किया। रोहिणी ने लगातार तीन ट्वीट किए और तीनों में ही उन्होंने नीतीश के परिवार से लेकर उनके सार्वजनिक जीवन तक पर कटाक्ष किए। जब ​​नीतीश को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने सख्त तेवर दिखाए और अपनी पीआर टीम से रिपोर्ट तलब की। इसके बाद बिहार की राजनीति में उथल-पुथल का दौर शुरू हो गया। बीजेपी ने अपने प्रदेश नेतृत्व को दिल्ली तलब किया।

दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, राज्यसभा सांसद सुशील मोदी और एलओपी विजय कुमार सिन्हा समेत राज्य के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने विचार-विमर्श किया। उधर, पटना में मुख्यमंत्री आवास पर नीतीश कुमार और पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर लालू प्रसाद यादव ने करीबी नेताओं के साथ बैठक की। आगे की रणनीति और राजनीतिक भविष्य को लेकर चर्चा और मंथन शुरू हो गया।

‘नीतीश आज ले सकते हैं फैसला’

बिहार की राजनीति के लिए आज यानी शुक्रवार का दिन काफी अहम माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार दोपहर बाद गठबंधन को लेकर कोई फैसला ले सकते हैं। बिहार विधानसभा भंग होने की अटकलें भी तेज हो गई हैं। अगर ऐसा हुआ तो बिहार में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि आरजेडी के साथ गठबंधन पर आखिरी फैसला नीतीश कुमार लेंगे। आरजेडी किसी भी कीमत पर गठबंधन तोड़ना नहीं चाहती। यही वजह है कि जब पार्टी को रोहिणी आचार्य के ट्वीट के बारे में पता चला तो चंद घंटों में ही उसे डिलीट कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष और प्रदेश नेताओं से चर्चा शुरू हो गई और डैमेज कंट्रोल के उपायों पर भी चर्चा हुई। इसके साथ ही लालू यादव खेमे ने बिहार विधानसभा में 122 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।

‘चिराग पासवान दिल्ली में शाह से मिलेंगे’

इस बीच, बीजेपी आलाकमान दिल्ली में लगातार बैठकें कर रहा है। नीतीश के एनडीए में वापसी की खबरों के बीच बीजेपी ने भी अपने सहयोगी दलों को मनाने की कवायद शुरू कर दी है। इसमें नीतीश के विरोधी रहे जीतन राम मांझी और चिराग पासवान का नाम शामिल है। आज एलजेपी (रामविलास) नेता चिराग पासवान को दिल्ली बुलाया गया है। चिराग शाम को अमित शाह से मुलाकात करेंगे और बिहार के सियासी माहौल पर चर्चा कर सकते हैं। इससे पहले पटना में मांझी के साथ भाजपा नेता नित्यानंद राय की लंबी बैठक हुई।

‘भाजपा के पास विकल्प’

इससे पहले खबर आई थी कि भाजपा को अभी तक नीतीश कुमार की ओर से कोई आधिकारिक संदेश नहीं मिला है। ऐसे में भाजपा के पास दो विकल्प हैं। पहला- विधानसभा भंग कर लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव कराना। दूसरा- मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार को समर्थन देना। लेकिन भाजपा के स्थानीय नेता नीतीश कुमार को सीएम बनाए रखने के पक्ष में नहीं हैं। यही वजह है कि आलाकमान स्थानीय नेतृत्व को विश्वास में लेने के बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचने की कोशिश कर रहा है। गुरुवार शाम को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, बिहार प्रभारी विनोद तावड़े समेत अन्य भाजपा नेता अमित शाह से मिलने उनके घर पहुंचे।

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‘नेता एनडीए में शामिल होने से कर रहे इनकार’

हालांकि, भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि ये बैठकें आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की तैयारियों के संबंध में हो रही हैं। जेडी(यू) प्रवक्ता केसी त्यागी ने अफवाहों का खंडन करते हुए कहा, “इंडिया ब्लॉक एकजुट है। गठबंधन में सब कुछ ठीक है। हमारी पार्टी खुद को इंडिया ब्लॉक का संस्थापक मानती है। हमने राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे सहयोगियों द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करने के लिए कहा है। दरअसल, पश्चिम बंगाल में टीएमसी और पंजाब में आप अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं।”

‘नीतीश के लिए मंच तैयार है’

वहीं, भाजपा के एक सहयोगी ने दावा किया कि बिहार में महागठबंधन सरकार के गिरने का मंच तैयार है। बिहार में अखिल भारतीय गठबंधन के सबसे बड़े घटक दल राजद से नाता तोड़ने के बाद भाजपा नीत एनडीए नीतीश कुमार का समर्थन और स्वागत करेगा। नीतीश ने वर्ष 2022 में भाजपा से गठबंधन तोड़कर राजद नीत महागठबंधन से हाथ मिला लिया था।

मीडिया सूत्रों के मुताबिक नीतीश ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने मना कर दिया था। यह यात्रा 30 जनवरी को बिहार में प्रवेश करने वाली है। उन्होंने 4 फरवरी को झारखंड में होने वाली अपनी रैली भी रद्द कर दी है।

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