India News (इंडिया न्यूज),Pahalgam terror attack:पहलगाम में आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गए हैं। 26 लोगों के मौत के बाद से पूरे देश में आक्रोश है। भारत ने 2 दिन के भितर ही कई कड़े फैसले लिए हैं। वहीं  वहीं पाकिस्तान भी मिसाइल परीक्षण के लिए नोटिफिकेशन देकर अपनी मंशा जाहिर कर चुका है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच टकराव अब सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं रहेगा? क्या कड़ी निंदा और कड़ी कार्रवाई के बाद कुछ बड़ा हो सकता है? नीचे दिए गए 6 संकेत बताते हैं कि स्थिति अब काफी गंभीर हो चुकी है।

वायुसेना युद्ध अभ्यास

दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय वायुसेना ने संभावित युद्ध की तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में भारतीय वायुसेना ने अपने सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान राफेल और सुखोई-30 के साथ युद्ध अभ्यास किया है। यह अभ्यास वायुसेना के सेंट्रल सेक्टर में किया गया, जिसे रणनीतिक तौर पर काफी अहम माना जाता है। राफेल और सुखोई-30 जैसे घातक लड़ाकू विमानों की तैनाती बताती है कि भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

राजदूतों से की मुलाकात

27 देशों के राजदूतों से की मुलाकात भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने की जानकारी सीधे तौर पर दुनिया के सामने रखी है। विदेश सचिव ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, चीन, जापान, जर्मनी जैसे देशों के राजदूतों को हमले की जानकारी दी। भारत के इस कूटनीतिक कदम से साफ है कि वह अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं बल्कि कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।

रूस ने किया बड़ा ऐलान

रूसी मीडिया ने भारत और पाकिस्तान को लेकर बड़ी चेतावनी दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक रूसी मीडिया ने कहा कि दो परमाणु संपन्न देशों के बीच कुछ बड़ा होने वाला है। इस तरह के बयान सिर्फ मीडिया तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि ये रणनीतिक संदेश भी हैं जो रूस जैसे देशों की खुफिया जानकारी और आकलन पर आधारित हैं।

मिसाइल परीक्षण का नोटिफिकेशन

पाकिस्तान ने 24-25 अप्रैल के बीच अरब सागर में मिसाइल परीक्षण के लिए अधिसूचना जारी की है। परीक्षण की रेंज 480 किलोमीटर तक बताई जा रही है। इस तरह का NOTAM न सिर्फ युद्ध पूर्व सैन्य तैयारियों का हिस्सा है, बल्कि ये एक राजनीतिक संदेश भी है। खासकर तब जब दुश्मन देश की सीमा पर तनाव अपने चरम पर है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की

हमले के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। आमतौर पर ऐसी मुलाकातें तब होती हैं जब देश किसी बड़े फैसले की ओर बढ़ रहा होता है। यह बैठक इस बात का संकेत है कि इस बार भारत महज निंदा से आगे निर्णायक कार्रवाई करने की सोच रहा है।

सर्वदलीय बैठक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने एक स्वर में आतंकी हमले की निंदा की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने सरकार को पूरा समर्थन देने की बात कही। इससे साफ है कि पूरे देश का राजनीतिक नेतृत्व अब एकजुट होकर जवाब देने के मूड में है।

पीएम मोदी ने क्या कहा ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मधुबनी से पाकिस्तान और दुनिया को साफ संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह हमला भारत की आत्मा पर हमला है और इसके पीछे जो लोग हैं, उन्हें ऐसी सजा मिलेगी जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। पीएम मोदी ने भाषण के अंत में इस चेतावनी को अंग्रेजी में भी दोहराया ताकि इसका साफ संदेश पूरी दुनिया तक पहुंचे। पीएम मोदी के बयान और भारत सरकार द्वारा हाल ही में उठाए गए कदमों से साफ है कि भारत अब महज हमलों का जवाब देने की नीति से हटकर आतंकवाद की जड़ को खत्म करने की ओर बढ़ रहा है। यह महायुद्ध सीधे तौर पर भारत की सुरक्षा और स्वाभिमान से जुड़ा हुआ है। आतंकवाद के प्रायोजकों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई अब समय की बात लगती है।

अगर हम इन छह प्रमुख संकेतों पर गौर करें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत और पाकिस्तान अब उस मुकाम पर पहुंच गए हैं जहां दोनों देशों के बीच संघर्ष को टालना अब सिर्फ कूटनीति के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। भारत की राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य तैयारियां इस बात का संकेत दे रही हैं कि अगर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो यह संघर्ष बहुत जल्द महायुद्ध का रूप ले सकता है।

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