India News (इंडिया न्यूज), Maharashtra CM: बुधवार, 4 दिसंबर को महायुति में शामिल तीनों दलों के नेता देवेंद्र फणडवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद तीनों दलों ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी-अपनी बातों को मीडिया के सामने रखा। लेकिन सबकी नजरें इस बात पर टिकी हुई थीं कि मुख्यमंत्री न बनाए जाने से एकनाथ शिंदे की क्या प्रतिक्रिया होगी।
क्या बोले एकनाथ शिंदे?
इस दौरान शिवसेना शिंदे गुट के नेता और राज्य के मौजूदा कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, महायुति के सभी दलों ने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया है । उन्होंने कहा- मुझे खुशी है कि ढाई साल पहले देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री के तौर पर मेरे नाम की सिफारिश की थी। और आज मैंने राज्यपाल से उनके नाम के लिए सिफारिश की। देवेंद्र फडणवीस को हमारा पूरी तरह से समर्थन है। भाजपा जो भी फैसला लेगी, हम उसके साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि महायुति में कोई मतभेद नहीं है। इसी दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह जी का शुक्रिया अदा भी किया। उन्होंने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह में लाडली बहनों को आमंत्रित किया गया है। हमने कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं।’
अजीत पवार ने दिल्ली जाने पर दी सफाई
अजित पवार ने कहा, ‘मैं दिल्ली में किसी राजनेता से मिलने नहीं गया। मैं गृह मंत्री अमित शाह से भी नहीं मिला। जो खबरें प्रसारित की गईं, वे झूठी थीं। मैं दिल्ली में अपने करीबियों से मिलने गया था। मैं अपने खिलाफ सभी मामलों के बारे में अपने वकीलों से मिला। हमें अच्छा बहुमत मिला है, हम लोगों के लिए काम करेंगे। महायुति का कोई नेता कहीं नहीं जा रहा है। भविष्य में सभी मिलकर काम करेंगे।’
तीनों नेताओं की बढ़ी जिम्मेदारी
कुल मिलाकर, पिछले 11 दिनों में इन तीनों नेताओं ने क्या किया, यह बुधवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस से साफ हो गया। तीनों नेताओं ने माना कि हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है। ऐसे में अब किसी से कोई बहस नहीं है। महाराष्ट्र के इतिहास में कभी किसी गठबंधन को इतना बड़ा बहुमत नहीं मिला है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब 5 दिसंबर को शपथ ग्रहण के बाद महायुति के नेता फॉर्म में नजर आएंगे।