India News (इंडिया न्यूज), Onion Price Increase: जिस प्याज की कीमत एक-दो सप्ताह पहले 20 रूपये थी, अचानक कीमत 35 से 40 रूपये प्रति किलो कैसे हो गई। प्याज कीमतों में बढ़ोतरी का कारण नासिक में प्याज के थोक व्यापारियों के द्वारा हड़ताल करने से हुई है। व्यापारियों की हड़ताल जल्द नहीं खत्म होगी तो प्याज 80-90 रूपये किलो तक हो सकती है। सरकार थोक व्यापारियों के कुचक्र को तोड़ने की कोशिश में जुट गई है, जिसके कारण प्याज की कमी कर उपभोक्ताओं को ऊंची कीमत पर बेचा जाता है।

हड़ताल का कारण?

प्याज की कीमत में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही थी। इसलिए सरकार ने नैफेड (नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) और नेशनल कोऑपरेटिव कन्ज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के तहत किसानों से सीधे प्याज की खरीदना शुरू कर दिया। प्याज को आम उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध कराया जाने लगा। जिससे बाजार में प्याज की कीमत बढ़ नहीं रही थीं।

प्याज के थोक व्यापारियों ने आरोप लगया कि नैफेड और एनसीसीएफ किसानों से प्याज खरीदी रहे हैं। खुदरा व्यापारियों तक उसे कम कीमत में पहुंचा रहे है। जिसके कारण हर क्विंटल प्याज बेचने पर घाटा होता है।

क्या दुबारा शुरु होगा कमीशन

व्यापारी को पहले फसल खरीदने और बेचने के लिए चार प्रतिशत का कमीशन मिलता था। लेकिन अब कमीशन बंद कर दिया गया है। जिसके कारण थोक व्यापारियों को घाटा अब बढ़ गया है। व्यापारियों ने मांग किया है कि कमीशन फिर शुरू होना चाहिए जिससे इन्हें घाटा न हो।

फिलहाल बजारों में कम कीमत

सब्जी मंडी के व्यापारी सुनील कांबले ने मीडिया को बताया की स्थानीय बाजारों में फिलहाल प्याज की उपलब्धता और कीमत में कुछ खास अंतर नहीं देखने को मिला है। आमतौर पर ग्राहकों को प्याज 20 से 25 रूपये में मिल रहे है। लेकिन दूरदराज क्षेत्रों में परिवहन लागत के कारण प्याज की कीमतों में इज़ाफा हो रहा है। बिना बातचीत के व्यापारियों और सरकार के बीच समाधान निकलना मुश्किल है। सब्जी मंडी से जुड़े सरकार के एक प्रतिनिधि ने बताया थोक व्यापारियों के कारण ही अलग-अलग मौसम में अलग-अलग सब्जियों की कीमत बढ़ती है। जिसके कारण उपभोक्ताओं को सब्जी खरीदने में परेशानी होती है।

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