India News (इंडिया न्यूज),Uttar Pradesh:21 मई, 2025 की रात को उत्तर प्रदेश के झांसी में एक भयंकर तूफान आया, जिससे बमोर ब्लॉक के सिंगार गांव में 100 से ज़्यादा तोतों की दुखद मौत हो गई। तोतों ने एक स्थानीय मंदिर के पास एक बड़े पीपल के पेड़ में शरण ली थी। तूफ़ान के साथ तेज़ हवाएँ, भारी बारिश और ओले आए, जिससे व्यापक विनाश हुआ पेड़ उखड़ गए और इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। अगली सुबह पेड़ के नीचे बेजान तोतों को देखकर ग्रामीण चौंक गए। 50 से ज़्यादा घायल पक्षियों के भी होने की सूचना मिली।
कैसे मरे तोते ?
पशु चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि तूफान के दौरान तोतों को घातक चोटें आईं, वे घबराहट में पेड़ की शाखाओं और एक-दूसरे से टकरा गए। उनमें से कई लंबे समय तक गर्मी और कम प्रतिरोधक क्षमता के कारण पहले से ही कमज़ोर थे। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के प्रो. अमित पाल ने इस घटना को जलवायु परिवर्तन से जोड़ा, और इस क्षेत्र में अनियमित मौसम पैटर्न और अचानक तापमान परिवर्तन की ओर इशारा किया जो आम होता जा रहा है।
वन विभाग ने घायल तोतों को तुरंत बचाया
वन विभाग ने घायल तोतों को तुरंत बचाया और उन्हें पशु चिकित्सालय ले गया। मृत पक्षियों को दफनाया गया और पोस्टमार्टम किया जा रहा है।
यहां देखें वायरल वीडियो
इस घटना की दिल दहला देने वाली तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं, जिससे वन्यजीव सुरक्षा और चरम मौसम के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता और बहस छिड़ गई है। यह दिल दहला देने वाली घटना इस बात की याद दिलाती है कि वन्यजीव जलवायु व्यवधानों के प्रति कितने संवेदनशील हैं और पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने की तत्काल आवश्यकता है।
‘ऐसी त्रासदी हमने कभी नहीं देखी’
निवासियों ने मौसम की घटनाओं की बढ़ती अप्रत्याशितता पर दुख और चिंता व्यक्त की। एक ग्रामीण ने कहा, “हमने पहले भी तूफान देखे हैं, लेकिन पक्षियों से जुड़ी ऐसी त्रासदी कभी नहीं देखी।”