Prisoners In Indian Jail: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोकसभा में कहा है कि भारतीय जेलों में 4.4 लाख की कैदी रहने की क्षमता है लेकिन फिलहाल 5.5 लाख से अधिक कैदी जेलों में बंद हैं। असम के कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक के एक सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा, “राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) द्वारा रिपोर्ट किए गए जेल आंकड़ों को संकलित करता है और प्रकाशित करता है।
- करीब 1500 कैदी सजा पूरी करने पर भी जेल में
- भारतीय जेलों में 5,54,034 कैदी बंद
- सबसे ज्यादा यूपी की जेलों में 1,17,789 कैदी
एनसीआरबी ने जेल में बंद कैदियों का वार्षिक प्रकाशन ‘प्रिज़न स्टैटिस्टिक्स इंडिया’ जारी करता है। इसकी नवीनतम प्रकाशित रिपोर्ट वर्ष 2021 की है। एनसीआरबी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 31 दिसंबर 2021 तक भारत भर की जेलों में बंद कैदियों की कुल संख्या 4,25,069 की जेल क्षमता के मुकाबले 5,54,034 थी।
यूपी में सबसे ज्यादा
उत्तर प्रदेश में, जेल में कैदियों की वास्तविक क्षमता 63,751 के मुकाबले 1,17,789 थी। बिहार की जेलों में 47,750 कैदियों की क्षमता है। हालांकि, फिलहाल 66,879 कैदी बंद है। मध्य प्रदेश में अधिकतम क्षमता के तौर पर 49,571 की क्षमता के मुकाबले 48,513 कैदी जेल में बंद हैं। दिल्ली में 10,026 की क्षमता के मुकाबले 18,295 कैदी हैं।
सजा पूरी होने पर भी जेल में
सांसद ने यह भी पूछा कि क्या सरकार के पास उनके द्वारा किए गए अपराध के लिए अधिकतम सजा से परे जेलों में रहने वाले अपराधियों की संख्या के बारे में कोई डेटा है। मिश्रा ने कहा कि एनसीआरबी के पास ऐसी कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है। जेल की अवधि पूरी होने के बाद जेल में रहने वाले कैदियों की संख्या पर एक सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि 31 दिसंबर, 2021 तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सजा पूरी होने के बाद जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं करने पर देश की जेलों में 1,410 अपराधी बंद थे।
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