India News (इंडिया न्यूज),Pahalgam ATTACK: पहलगाम में हुए हमले के बाद से सीमा पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। सिंधु जल संधि पर रोक लगने से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। यह हताशा नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर साफ दिखाई दे रही है, जहां पाकिस्तान की ओर से लगातार गोलीबारी हो रही है। भारतीय सेना भी इसका मुंहतोड़ जवाब दे रही है। इस पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है।

हिमंत ने बुधवार को कहा कि भारत-पाकिस्तान युद्ध भारतीय वीरता और जीत की विरासत है। आजादी के बाद से भारत के बहादुर सशस्त्र बल बार-बार पाकिस्तानी आक्रमण के खिलाफ हमारे देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए डटे रहे हैं।

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सीएम सरमा ने पाक-भारत युद्ध की याद दिलाई

सीएम सरमा ने कहा, जब भी पाकिस्तान ने भारत की एकता और अखंडता को चुनौती देने की कोशिश की है, भारतीय सैनिकों ने हर मोर्चे पर देश के गौरव को बनाए रखने के लिए मुंहतोड़ जवाब दिया है और दुश्मन को हराया है। सरमा ने दोनों देशों के बीच लड़े गए चार युद्धों – भारत-पाक 1947-49, 1965, 1971 और 1999 कारगिल युद्ध को याद किया।

भारत-पाक 1947-1949 युद्ध

भारत-पाक युद्ध (प्रथम कश्मीर युद्ध) का जिक्र करते हुए सीएम सरमा ने कहा कि आजादी के तुरंत बाद जब पाकिस्तान ने धोखे से जम्मू-कश्मीर पर हमला किया, तो भारत ने बहादुरी से जवाब दिया। हमारे सैनिकों ने श्रीनगर में ऐतिहासिक एयरलिफ्ट ऑपरेशन किया और घाटी को सुरक्षित किया। सेना ने दिखाया कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। इस युद्ध के बाद नियंत्रण रेखा का निर्माण किया गया।

भारत-पाक 1965 युद्ध

सीएम सरमा ने कहा कि 1965 में पाकिस्तान ने धोखे से ऑपरेशन जिब्राल्टर शुरू किया। कश्मीर में घुसपैठ की और बाद में यह एक पूर्ण युद्ध में बदल गया। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ दिया और पाकिस्तानी क्षेत्र में काफी अंदर तक घुसकर जवाबी कार्रवाई की। हमारी सेना ने रणनीतिक हाजी पीर दर्रे सहित प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया। भारत की सैन्य शक्ति ने दुश्मन के जीत के सपने चकनाचूर कर दिए और भारत की जीत हुई।

1971 का युद्ध बांग्लादेश निर्माण

इसके बाद सीएम ने 1971 के भारत-पाक युद्ध (बांग्लादेश निर्माण) का जिक्र किया। इस युद्ध के बारे में उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने असाधारण साहस, रणनीति और मानवीय भावना का परिचय दिया। पाकिस्तानी सेना के नरसंहार और पूर्वी पाकिस्तान से लाखों शरणार्थियों के आगमन का जवाब देते हुए, भारतीय सेना ने आधुनिक इतिहास में सबसे तेज और निर्णायक सैन्य अभियानों में से एक शुरू किया। महज 13 दिनों के भीतर, हमारे सशस्त्र बलों ने एक बड़ी जीत हासिल की, जिसके परिणामस्वरूप 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया और बांग्लादेश को आजाद कराया। इसके बाद 1972 में शिमला समझौता भारत की रणनीतिक जीत को सामने लाता है।

1999 का कारगिल युद्ध

कारगिल युद्ध का जिक्र करते हुए, असम के सीएम ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने लाभ उठाने के प्रयास में कारगिल में रणनीतिक चोटियों पर विश्वासघात किया था। उन्होंने कहा कि सेना ने पहाड़ी इलाकों और ठंडे मौसम में लड़ाई लड़ी और अत्यंत वीरता के साथ हर इंच क्षेत्र पर कब्जा किया और पाकिस्तान को अपमानजनक तरीके से पीछे हटने के लिए मजबूर किया। इस जीत ने एक बार फिर भारत की क्षेत्रीय अखंडता में अटूट विश्वास पैदा किया है।

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