India News (इंडिया न्यूज),Pahalgam Terror Attack:पहलगाम आतंकी हमले के बाद 2-3 आतंकियों ने बारामूला में घुसपैठ की कोशिश की थी। आतंकियों की इस कोशिश को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया है। सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच भारी गोलीबारी हुई और दो आतंकी मारे गए। आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और युद्ध जैसे दूसरे सामान बरामद किए गए हैं। सेना का ऑपरेशन जारी है। सुरक्षाबलों की ओर से जगह-जगह छापेमारी की जा रही है। होटलों की तलाशी ली जा रही है, ताकि घाटी में छिपे आतंकियों को पकड़ा जा सके। पहलगाम हमले को पुलवामा से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि पुलवामा के बाद यह सबसे बड़ा हमला है, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई है।पहलगाम हमले में शामिल आतंकी की तस्वीर भी सामने आई है। कश्मीर के इतिहास में पर्यटकों को निशाना बनाकर यह पहला हमला है, जिसमें घूमने गए निहत्थे लोगों को गोली मारी गई।

पैटर्न के हिसाब से की जा रही है हमले की जांच

जिस जगह पर आतंकियों ने पर्यटकों को गोली मारी, वह पहलगाम से महज 4 किलोमीटर दूर है। प्राकृतिक सौंदर्य के कारण वहां आमतौर पर पर्यटकों की भीड़ देखी जाती है, जिस समय आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया, उस समय उनमें से अधिकतर घुड़सवार थे। सुरक्षा सूत्रों के अनुसार इस घटना को अंजाम देने से पहले पर्यटन स्थल की पूरी तरह से रेकी की गई थी। अब जांच एजेंसियां ​​आतंकियों के नए पैटर्न के हिसाब से इस हमले की जांच कर रही हैं।

3 जुलाई को अमरनाथ यात्रा

स्थानीय लोगों के अनुसार, उनकी सुरक्षा के लिए मौके पर कोई मौजूद नहीं था। पहलगाम से अमरनाथ की दूरी महज 32 किलोमीटर है। अमरनाथ यात्रा के लिहाज से इस शहर का बहुत महत्व है। यात्रा सीजन के दौरान पहलगाम धार्मिक उत्साह का जीवंत केंद्र बन जाता है, जो तीर्थयात्रियों और पर्यटकों दोनों को समान रूप से आकर्षित करता है, जिससे यह श्रद्धालुओं और उनके मार्ग के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बन जाता है। अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी। ऐसे में सुरक्षा अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि आतंकी फिर से किसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अंजाम न दे सकें।

हर साल, दुनिया भर से हजारों हिंदू तीर्थयात्री पवित्र अमरनाथ गुफा की आध्यात्मिक यात्रा पर निकलने के लिए वहां इकट्ठा होते हैं, जहां प्राकृतिक रूप से निर्मित शिवलिंग स्थित है। पहलगाम से शुरू होने वाला मार्ग खूबसूरत और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध माना जाता है, जो चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी जैसे महत्वपूर्ण पड़ावों से होकर गुजरता है। ऐसे में यह स्थान और भी संवेदनशील माना जाता है।

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