India News (इंडिया न्यूज),Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस कायराना हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार एक्शन मोड में नजर आ रही है। सरकार ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी-वाघा सीमा को बंद करने समेत पाकिस्तान के खिलाफ त्वरित और सख्त कदम उठाए हैं। अब उच्च स्तरीय बैठकों का सिलसिला जारी है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान और अन्य सशस्त्र बलों के प्रमुखों के साथ अहम बैठक की। वहीं, कल सीसीएस की भी अहम बैठक होनी है।

जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी की अध्यक्षता में कल सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक प्रस्तावित है। सूत्रों की मानें तो इन बैठकों में पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी सैन्य और कूटनीतिक कार्रवाई की रणनीति पर चर्चा हो रही है, जिससे आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को और मजबूती मिलेगी। वहीं, आज पीएम आवास पर हो रही बैठक में रक्षा मंत्री, एनएसए और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हैं।

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पाकिस्तान पर अंतिम प्रहार की तैयारी

22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की जान चली गई थी, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी, जिसका संबंध पाकिस्तान से बताया जाता रहा है और इसके पाकिस्तान से सीधे संबंध होने के सबूत सामने आए हैं। इस हमले ने भारत की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, लेकिन सरकार का रुख साफ है- आतंकियों और उनके समर्थकों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी की हालिया बैठकों में सैन्य कार्रवाई के सभी विकल्पों- जमीन, पानी और हवा- पर विस्तार से चर्चा हुई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संकेत दिए हैं कि ‘पर्दे के पीछे सक्रिय ताकतों’ को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। इसके लिए भारतीय सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है और जम्मू-कश्मीर में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है। एनआईए की एक विशेष टीम हमले की साजिश और आतंकी नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है।

कूटनीतिक मोर्चे पर पाकिस्तान को घेरने की तैयारी

इसके अलावा कूटनीतिक मोर्चे पर भी भारत वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति बना रहा है। विदेश मंत्रालय ने कई देशों से संपर्क किया है और नीदरलैंड जैसे देशों ने हमले की निंदा करते हुए भारत के साथ एकजुटता दिखाई है। पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट में डालने की मांग भी जोर पकड़ रही है। कुछ विशेषज्ञों का मानना ​​है कि भारत सर्जिकल स्ट्राइक या इससे भी बड़े ऑपरेशन की योजना बना सकता है, जिससे पाकिस्तान को लंबे समय तक सबक मिलेगा।

पिछली सीसीएस बैठक में क्या हुआ था?

23 अप्रैल 2025 को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीएस बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए गए, जिससे पड़ोसी देश बौखला गया। ढाई घंटे से ज़्यादा चली इस बैठक में 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का ऐतिहासिक फ़ैसला लिया गया। इसके साथ ही अटारी-वाघा सीमा चौकी को बंद कर दिया गया, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सभी तरह के वीज़ा रद्द कर दिए गए और पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया। भारत ने इस्लामाबाद में अपना दूतावास बंद करने का भी फ़ैसला किया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में बताया कि यह हमला जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनावों और विकास प्रयासों को निशाना बनाने की साज़िश थी, जिसमें सीमा पार आतंकवाद की स्पष्ट भूमिका है। इन फ़ैसलों से पाकिस्तान में खलबली मच गई है और वहां के पीएमओ ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की आपात बैठक बुलाई है।

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