India News (इंडिया न्यूज), Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार सीआरपीएफ जवान से जुड़ी एक अहम जानकारी सामने आई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जवान पहलगाम आतंकी हमले से 6 दिन पहले तक वहीं था। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी। एनआईए ने सोमवार को जासूसी के आरोप में सीआरपीएफ के एक जवान को गिरफ्तार किया है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था। जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। बताया जा रहा है कि, एनआईए द्वारा गिरफ्तार किया गया जवान हमले से छह दिन पहले तक पहलगाम में था। ये भी जानकारी सामने आ रही है कि हमले से छह दिन पहले सीआरपीएफ जवान का तबादला कर दिया गया था। एनआईए ने आरोपी जवान को दिल्ली से गिरफ्तार किया है और उससे पूछताछ कर रही है।
सीआरपीएफ जवान पर लगा ये आरोप
आरोपी सीआरपीएफ जवान मोती राम जाट जासूसी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल था और 2023 से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों (पीआईओ) को दे रहा था। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सहायक उपनिरीक्षक जाट को इस काम के लिए विभिन्न माध्यमों से पैसे मिल रहे थे। सीआरपीएफ ने आरोपी जवान को बर्खास्त कर दिया है। सीआरपीएफ की ओर से जारी बयान के मुताबिक, जब केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय कर सीआरपीएफ ने जवान की सोशल मीडिया गतिविधि पर कड़ी नजर रखी तो वह जांच के दायरे में आया। निगरानी के दौरान पाया गया कि उसने प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है।
भारत ने इस तरह लिया था पहलगाम का बदला
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला ऑपरेशन सिंदूर से लिया। इसमें पाकिस्तान और पीओके में स्थित कम से कम 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने भारत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। भारतीय सेना ने इसका भी मुंहतोड़ जवाब दिया। पाकिस्तानी सेना को आखिरकार सीजफायर की अपील करनी पड़ी।