India News (इंडिया न्यूज)Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद घाटी में पर्यटन संकट में है। पहले कश्मीर के सोपोर में स्थित एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की झील वुलर झील में बड़ी संख्या में लोग आते थे, लेकिन आतंकी हमले के बाद अब पहलगाम वीरान है। आपको बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने कश्मीर घाटी के पर्यटन उद्योग को गहरा झटका दिया है। वुलर झील के किनारे पर्यटन पर निर्भर शिकारा मालिक और परिवार अब रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पर्यटकों की आवाजाही लगभग बंद हो गई है।
PM Modi के नाम से भी कांपता है हाफिज सईद का बेटा, Video में दिखा आतंकी बाप को फांसी का खौफ, गलती से लीक कर दी लोकेशन
‘आजीविका पर पा बुरा प्रभाव’
पहलगाम हमले के बाद शिकारा मालिक मुश्किल में आ गए हैं। पर्यटकों से अपनी आजीविका चलाने वाले शिकारा मालिक हसन ने कहा कि हम पूरा दिन इंतजार करते हैं, लेकिन कोई नहीं आता। कश्मीर अपनी मेहमाननवाजी के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि हम शांति और पर्यटन बहाली की मांग करते हैं। उन्होंने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे मंता पर हमला बताया है।
पहले रोजाना 1500 कमाते थे, अब 100 भी मुश्किल
दूसरी ओर, स्थानीय निवासी मंजूर अहमद, जो पहले हर दिन 1500 रुपये तक की आमदनी करते थे, वो अब बड़ी मुश्किल के बाद से 100 रुपये ही कमा पा रहे हैं। उन्होंने पर्यटकों से अपील किया कि वे फिर से घाटी में पधारें और वुलर झील समेत कश्मीर में छिपी प्राकृतिक सुंदरता को देखें।
कश्मीर में पर्यटन उद्योग पर गहरा असर
पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर में पर्यटन उद्योग पर गहरा असर पड़ा है। अप्रैल-मई में रोजाना हजारों पर्यटक वुलर झील और अन्य पर्यटन स्थलों पर आते थे, हालाँकि आतंकी हमले के बाद पर्यटकों की संख्या में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। जिससे शिकारा मालिकों, टैक्सी चालकों और होटल मालिकों को भारी नुकसान हो रहा। वहीं, होटल, रेस्तरां और स्थानीय हस्तशिल्प कारोबारियों की जेब पर भी इसका असर पड़ रहा है।